असत्य पर सत्य की जीत का पर्व दशहरा रामलीला मैदान में श्रीराम और रावण के धनुष युद्ध के बाद श्रीराम के एक अग्निबाण से अहंकारी रावण धू-धू कर जलने लगा। रावण के जलते ही लोग जयश्री के गगनभेदी नारे लगाये।
परम्परा के अनुसार पंचरास्ता स्थित ओवरब्रिज पर दोपहर रावण का पुतला खड़ा कर दिया गया। ओवरब्रिज मार्ग बंद कर दिया गया। दोपहर बाद रामलीला मैदान में श्रीराम-रावण की रामलीला हुई जिसके बाद दोनो अलग-अलग रास्तों से श्रीराम व रावण की झांकियां निकली। दोनों झांकियां आकर ओवरब्रिज पर मिली। जहाॅं पहले से मौजूद जिलाधिकारी अदिति सिंह, पुलिस अधीक्षक सौमित्र यादव सहित तमाम प्रशासनिक अधिकारियों व केन्द्रीय पूजा व्यवस्था समिति के संरक्षक राधेरमण मिश्र, अध्यक्ष ओम प्रकाश पाण्डेय, महामंत्री सुनील कुमार श्रीवास्तव, नगर पालिका परिषद प्रवीन कुमार अग्रवाल, जिला सुरक्षा संगठन के महासचिव बलदेव सिंह, संयोजक सुन्दर लाल टण्डन व रामलीला कमेटी की ओर से डाॅ. अरविन्द चतुर्वेदी आदि मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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