शिवपाल सिंह यादव ने पुस्तक मेला परिसर में आयोजित संगोष्ठी के दौरान रोशन प्रेमयोगी की पुस्तक “टूटी-फूटी आजादी” का विमोचन करते हुए कहा कि गाॅधी और लोहिया के कारण हमें आजादी मिली। 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान जब सारे बडे नेता गिरफ्तार हो गये तो लोहिया ने भूमिगत रहते हुए आजादी की लड़ाई को धार दी और देश की आजादी की पृष्ठभूमि तैयार की। आजादी के साथ ही देश का विभाजन भी हुआ। इस प्रकार हमें जो आजादी मिली वो टूटी-फूटी आजादी मिली। देश वास्तविक रूप से तब आजाद होगा जब पूरी तरह से साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार और मानवीय शोषण से मुक्त होगा और यह सिर्फ लोहिया के विचारों से सम्भव होगा। उन्होंने बताया कि लोहिया और लोहिया के विचारों पर भारत, अमेरिका, जर्मनी, श्रीलंका समेत कई देशो के विद्वानों ने काफी कुछ लिखा है लेकिन उन्हे उपन्यास का पात्र पहली बार किसी लेखक ने बनाया है। अपने उद्धबोधन में उन्होंने साहित्य और साहित्यकारों के सम्मान को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि आजादी के बाद किसी भी लेखक और कवि को भारत रत्न न मिलना दुखद है। इसके लिए उन्होंने लेखक व प्रकाशक को शुभकामना दी। गोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार के विक्रम राव, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजा वशिष्ठ, के0सी0मिश्रा, समाजवादी चिन्तक दीपक मिश्र, समेत कई बुद्धिजीवियों ने भाग लिया। इसके बाद शिवपाल सिंह यादव ने पुस्तक मेला का भ्रमण करते हुए कई पुस्तकें खरीदीं। कई प्रकाशकों व लेखकों ने अपनी पुस्तकें शिवपाल को भेंट कीं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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