जनपद में विदेशी थाई मांगुर एवं बिगहेड मछलियों के पालन, विक्री, स्टाक एवं आयात को धारा-144 के अन्तर्गत तत्काल प्रभाव से पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित कर दिया गया है।
उक्त जानकारी देती हुई जिलाधिकारी अदिति सिंह ने बताया कि वैज्ञानिकों के अनुसार यह मछली मांसाहारी प्रकृति की है। थाई मांगुर अन्य मछलियों एवं समस्त जलीय जीवों के खतरा है, इसके पालन से पर्यावरण एवं जन-स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। इन विदेशी मछलियों के कारण ‘‘अल्सरेटिव फिश सिन्ड्रोम‘‘ बीमारी का प्रकोप हो सकता है, जिससे न केवल जन-स्वास्थ्य पर खतरा है बल्कि तालाबों को भी काफी क्षति पहुॅचती है। उन्होनें बताया कि भारत सरकार द्वारा थाई मांगुर एवं विदेशी बिगहेड मछलियों का पालन पूर्णतया प्रतिबन्धित किया गया है। भारतीय मेजर कार्प यथा रोहू, कतला,नैन की आड़ में उक्त प्रजातियों का आयात पश्चिम बंगाल व अन्य प्रदेशो से किया जाता है।
उन्होनें समस्त उपजिला मजिस्ट्रेट को निर्देशित किया है कि मत्स्य विभाग के अधिकारियों के साथ टीम गठित कर आवश्यक पुलिस बल के साथ मछली मण्डियों, हैचरियों, तालाबों आदि पर गहन छापे डाले तथा इन प्रतिबन्धित मछलियों का विनष्टीकरण सुनिश्चित करें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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