उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष 2014-15 में 649.90 करोड़ रुपये की व्यवस्था विभिन्न जनपदों में कृषि सम्बन्धित विकास कार्यों के लिए की गई है जिसमें अब तक 287.22 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृतियां जारी की गई है। जिसमें कृषि, कृषि वित्त निगम, गन्ना, पशुपालन, पी0सी0डी0एफ0, उद्यान, लघु सिंचाई एवं प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय आदि विभागों की स्वीकृतियां जारी की गयी है।
कृषि निदेशालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय कृषि विकास योजना से गत वर्ष 2013-14 में इस योजना के अन्तर्गत 3125.23 करोड़ रुपये व्यय करके कृषि विकास के अनेक कार्य किये गये हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना गत वर्ष 2.38 लाख हेक्टयर का क्षेत्र हरी खाद, से 16260 वर्मी कम्पोस्ट इकाईयों की स्थापना की गई। 02 हार्स पावर के 900 सौर ऊर्जा पम्प लाभार्थियों को प्रक्षेत्र पर, 5 हार्स पावर के 21 सौर ऊर्जा पम्प राजकीय कृषि प्रक्षेत्रों पर स्थापित किये गये हैं। प्रदेश के पूर्वी जनपदों में हरित क्रान्ति से 95,564 हेक्टयर क्षेत्रफल पर धान, 16,500 हेक्टयर क्षेत्रफल पर गेंहू के प्रदर्शन कृषि क्षेत्रों पर आयोजित किये गये हैं। 317 ड्रम सीडर, 32 ट्रैक्टर चालित पैडी थ्रेसर एवं 9 मिनी क्म्वाइन्ड हार्वेस्टर के वितरण तथा 20,459 बोरिंग लाभार्थियों के प्रक्षेत्र पर स्थापित की गई हैं।
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के माध्यम से कृषि एवं संवर्गीय क्षेत्रों में उपलब्ध संसाधनों के आधार पर जिलों एवं राज्यों के लिए कृषि योजनाएं तैयार करके महत्वपूर्ण फसलों में उपज के अन्तर को कम करना, किसानों की आय में वृद्धि करना, इसके अतिरिक्त कृषि की आधारभूत संरचनाओं तथा परिसम्पत्तियों के सृजन में वृद्धि करना है। इससे फसलों के समेकित विकास, कृषि यन्त्रीकरण, मृदा स्वास्थ्य, वर्षा सिंचित प्रणाली, बंजर भूमि, कीट प्रबन्धन, मण्डी, बागबानी, पशुपालन, मत्स्य विकास इत्यादि के कार्य किये जा रहे है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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