समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चौधरी ने बताया है कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने गांव और किसान को अपनी प्राथमिकता में रखा है। गन्ना किसानों को गत पेराई सत्र में 40 रूपए अधिक समर्थन मूल्य देने के साथ उनके बकाया भुगतान के लिए मिलमालिकों पर काफी सख्ती कर रखी है। पिछले दिनों राज्य मंत्रिमण्डल की बैठक में धान खरीद नीति को मंजूरी देते हुए सन् 2014.15 में धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1400 रूपए प्रतिकुंतल निर्धारित किया गया है। धान की खरीद केवल किसानों से की जाएगी।
झ धान किसानों को शोषण से बचाने के लिए उनके मूल्य का भुगतान सीधे उनके बैंक खाते में किया जाएगा। किसानों के लिखित अनुरोध पर श्पेईज एकाउंट ओनली चेकश् के माध्यम से भी भुगतान की व्यवस्था होगी। धान खरीद करनेवाले कमीशन एजेण्टो का मंडी समिति मंडी परिषद से लाइसेंस अथवा वाणिज्य कर विभाग में पंजीकृत होना आवश्यक होगा।
झ आलू की पैदावार में उत्तर प्रदेश प्रथम स्थान पर है। आलू की खेती को लाभकारी बनाने की दिशा में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं। अपनी हाल की नीदरलैंण्ड यात्रा में उन्होने कृषि क्षेत्र के विकास पर विशेष चर्चा की। नीदरलैण्ड की फूड टैक्नोलाजी से प्रदेश में खाद्यान्न की बरबादी रूकेगी। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में आम की संरक्षा में नई तकनीक काम में लाई जाएगी। उत्तर प्रदेश के आलू की विश्वस्तरीय बनाने के लिए मानक सुधारने के सार्थक प्रयास होगें।
झ मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के विशेष प्रयासों से गन्ना किसानो को उन चीनी मिलों द्वारा 80Û36 प्रतिशत तक भुगतान हो चुका है। प्रदेश की 11 चीनी मिलों को प्रोत्साहन योजना के तहत 3196Û39 लाख रूपए की अतिरिक्त वित्तीय सहायता की धनराशि भी अनुमोदित कर दी गई है। यह अतिरिक्त धनराशि उन चीनी मिलों को अनुमन्य होगी जो अपने सम्पूर्ण गन्ना मूल्य का भुगतान 30 सितम्बर तक कर देगी।
झ राज्य सरकार कृषि के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है। नीदरलैण्ड के नुस्खे से फूलों की खेती की जाएगी। डेयरी उद्योग का विकास होगा। विशेषज्ञों के प्रयास से दुग्ध उत्पादको को आधुनिक तकनीक एवं अच्छी नस्ल के दुधारू पशुओं की उपलब्धता सुलभ होगी। इस सबसे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।
झ श्री अखिलेश यादव की संवेदनशीलता के फलस्वरूप बुंदेलखण्ड के आपदाग्रस्त किसानों को राष्ट्रीय कृषि बीमा एवं मौसम आधारित फसल योजना में प्रदेश के 3 लाख 64 हजार 14 किसानों में कुल 325ण्76 करोड़ रूपए क्षतिपूर्ति का वितरण किया गया है। राज्य सरकार ने सूखा व बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आकलन के लिए जिलाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है।
झ फिर भी विपक्षियों को यह सब नजर नहीं आता हैए उन्हें तो सिर्फ विकास में रोड़ा अटकाने की आदत पड़ गई है। यह स्वस्थ लोकतंत्र के लिए घातक है। जनता सब जानती है। उसे बरगलाने के प्रयास कभी सफल नहीं होगें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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