उ0प्र0 सरकार ने सहकारी क्षेत्र के अन्तर्गत उ0प्र0 के समस्त जनपदों में 59 दुग्ध संघों के माध्यम से दुग्धशालाओं के विकास कार्यक्रम को सृदृढ़ करने की दिशा में सराहनीय ठोस कदम उठाये हैं। इसके तहत सरकारी दुग्ध समितियों का गठन, पुर्नगठन समितियों से दुग्ध उपार्जन के उपरान्त नगरीय उपभोक्ताओं को दुग्ध तथा दुग्ध पदार्थों, गुणवत्तापरक दुग्ध उत्पादों की आपूर्ति की जा रही है।
यह जानकारी प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री श्री राममूर्ति वर्मा ने देते हुए बताया कि सहकारी दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादकों को तकनीकी निवेश सेवायें, कृत्रिम गर्भाधान, पशु स्वास्थ्य सेवायें भी उपलब्ध कराई जा रही है। विभिन्न दुग्ध संघों में स्थापित दुग्धशालाओं की क्षमता 17.50 लाख लीटर दूध प्रतिदिन तथा अवशीतन क्षमता 9.70 लाख लीटर प्रतिदिन दुग्ध हैण्डलिंग करने की उपलक्ष्य है। नोएडा में 4 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता की दुग्धशाला सक्रिय है।
दुग्ध विकास मंत्री श्री वर्मा ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र की सहकारी दुग्ध समितियों के कृषक सदस्यों को उनके दुधारू पशुओं हेतु उचित मूल्य पर संतुलित पशु आहार उपलब्ध कराने के लिए मेरठ तथा बाराबंकी में क्रमशः 100-100 मीट्रिक टन प्रतिदिन क्षमता की स्थापित पशु आहार निर्माणशालाएं सक्रिय हैं। इसके अतिरिक्त अलीगढ़ में स्थापित बीज विधायन केन्द्र द्वारा उन्नतिशील चारा बीज उपलब्ध कराया जाता है। मेरठ में 30 मीट्रिक टन दुग्ध चूर्ण निर्माणशाला भी संचालित की जा रही है।
श्री वर्मा ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 12700 सहाकरी दुग्ध समितियां कार्य कर रही हंै। इन समितियों में 5.66 लाख से अधिक दुग्ध उत्पादक सदस्य है। इन सहकारी दुग्ध समितियों के माध्यम से अब तक 4.81 लाख किग्रा0 औसत प्रतिदिन दुग्ध उपार्जित करके 3.23 लाख लीटर औसत प्रतिदिन नगरीय क्षेत्रों में दुग्ध की बिक्री की गई है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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