समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने बताया है कि उत्तर प्रदेश में बिजली को लेकर विपक्षी सियासी खेल खेलने में लग गए हैं जबकि मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव संकट के समाधान में बड़ी गम्भीरता से लगे हुए हैं। नए बिजलीघर लगने से तीन साल में स्थापित उत्पादन क्षमता 10,500 मेगावाट से बढ़कर 18 हजार मेगावाट हो जाएगी। इसके लिए 22,500 करोड़ ट्रंासमिशन लाइन पर खर्च होगें। भाजपा और बसपा ने अपनी सरकारों में यदि बिजली व्यवस्था सुधारी होती तो प्रदेश की जनता को तनिक भी परेशानी नहीं उठानी पड़ती।
पिछली बसपा सरकार के पांच सालो में सिर्फ आज बिजली खरीद के नाम पर 25000 करोड़ का कर्जा चढ़ा दिया। एक मेगावाट यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ। लूट-खसोट के चलते कई स्थापित बिजली घरों की मशीनों की मरम्मत भी नहीं की गई जिससे वे कबाड़ हो गई। भाजपा राज में भी बिजलीघरों की लचर व्यवस्था रही। मायाराज से समाजवादी सरकार को 25 हजार करोड़ रूपए का बिजली का कर्ज जरूर मिला।
बिजली संकट पर भाजपा का रवैया तो अजीबोगरीब है। केन्द्र में भाजपा सरकार है, उसके कई मंत्री हैं लेकिन वे अपने निर्वाचक मतदाताओं की परेशानियों के प्रति जरा भी संवेदनशील नहीं दिख रहे हैं। केन्द्र सरकार न तो ताप बिजलीघरों के लिए पर्याप्त कोयला दे रही है और नहीं कोटेभर की बिजली मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव इस स्थिति में भी जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं जबकि भाजपा के नेता सिर्फ खिलाफत मंे बयानबाजी कर रहे हैं। इस तरह वे अपने ही मतदाताओं का उपहास उड़ा रहे हैं और उनकी तकलीफें दूर करने के बजाए उल्टे जले पर नमक छिड़क रहे हैं। अगर केन्द्र सरकार द्वारा समय से अच्छी गुणवत्ता के कोयले की आपूर्ति होती तो तमाम इकाइयां बंद होने से बच जाती।
कांग्रेस भी जाने क्यों अब आलोचकों की जमात में शामिल हो गई हैं। उन्हें किसानों की सिंचाई की हवाई चिंता सताने लगी है। जबकि हकीकत यह है कि सन् 2016 में गांवो में 16 घंटे बिजली देने और खास अभियान चलाकर 40,000 निजी नलकूपों को ऊर्जीकृत करने का निर्णय मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर लिया जा चुका है। मुख्यमंत्री जी को भरोसा है कि अभियन्ता और अन्य विद्युत कर्मचारी बिजली संकट के समाधान में मददगार साबित होगें।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने लाइन हानियां कम करने और उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष निर्देश दिए हैं। उनका संकल्प प्रदेश को विकास के नए सोपान पर ले जाने और इसे शीघ्र ही राज्यों की पंक्ति में आगे स्थान दिलाने में जुटे है। वे इस राय के है कि बिजली से ही प्रदेश में समृद्धि आनी है। समाजवादी पार्टी सरकार की प्राथमिकता में हमेशा गांव, किसान और विकास रहा हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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