उ0प्र0 सरकार ने किसानों/पशुपालकों को शासन द्वारा पशुधन विकास हेतु संचालित कार्यक्रमों/योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद को दायित्व सौंपा है। यह जानकारी परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा0 बी0बी0एस0 यादव ने दी। उन्होंने बताया कि परिषद द्वारा प्रदेश के 39 जनपदों में राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना संचालित की गयी है। पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुये अब इसे प्रदेश के समस्त जनपदों में लागू किया जायेगा।
उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सी0ई0ओ0) डा0 बलभद्र सिंह यादव ने बताया कि राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना शत-प्रतिशत पशुपालन, दुग्ध विकास, मत्स्य एवं कृषि मंत्रालय केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मथुरा, बिजनौर, हरदोई सीतापुर, लखीमपुर खीरी, गोण्डा, जौनपुर, रायबरेली, सुल्तानपुर, सोनभद्र, गाजीपुर, देवरिया, अलीगढ़, इलाहाबाद, आगरा, आजमगढ़, बदायूं, बाराबंकी, बुलंदशहर, गोरखपुर, गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद मुजफ्फरनगर, एटा, औरैया, मैनपुरी फर्रूखाबाद, हाथरस, फिरोजाबाद, कासगंज, बरेली, सहारनपुर, उन्नाव, फतेहपुर, बलिया, फैजाबाद, प्रतापगढ़ तथा वाराणसी में संचालित की जा रही है। किसानों/पशुपालकों के हित में इसे पूरे प्रदेश में लागू करने हेतु शासन द्वारा ठोस पहल की जा रही है।
डा0 यादव ने बताया कि योजना में बीमा प्रीमियम का 50 प्रतिशत का अंशदान भारत सरकार तथा 50 प्रतिशत का अंशदान पशुपालकों द्वारा वहन किया जायेगा। किसी एक पशुपालक के अधिकतम दो पशुओं गाय अथवा भैंस का ही बीमा किया जायेगा। अधिक जानकारी हेतु जनपद के निकट के पशुचिकित्सालय से सम्पर्क किया जा सकता है।
डा0 यादव ने बताया कि परिषद द्वारा किसानों/पशुपालकों के हितों की सुरक्षा हेतु मादा दुधारू पशुओं में नियोजित प्रजनन क्षमता के विकास तथा दुग्ध विकास एवं राज्य पशु प्रजनन नीति को पशुपालकों/किसानों के सहयोग से लागू किया जा रहा है। प्रदेश की उन्नतशील स्वदेशी नस्लों के दुधारू पशुओं के संवर्धन, प्रजनन, दुग्ध उत्पादन तथा पशुपालन को सुदृढ़ बनाने किसानों/पशुपालकों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में ठोस रणनीति निर्धारित की गयी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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