पशुपालन, पशुचिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा पशु रोग नियंत्रण हेतु औषधियों को प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराने तथा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु राज्य सरकार द्वारा सराहनीय पहल की जा रही है। उ0प्र0 शासन द्वारा गुणात्मक चिकित्सा एवं पशु सेवा उपलब्ध कराने हेतु राजकीय पशुचिकित्सालय भवनों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार कराने के लिए ठोस कदम उठाये जा रहे हैं।
यह जानकारी प्रदेश के पशुधन विकास मंत्री श्री राजकिशोर सिंह ने देते हुये बताया कि राष्ट्रीय कृषि आयोग द्वारा निर्धारित मानक प्रति पांच हजार पशुओं पर एक पशु चिकित्सालय की सुविधा उपलब्ध कराने तथा पशु चिकित्सालयों की स्थापना हेतु पशुचिकित्सालयों को मोबाईल करके परियोजनाओं के परिचालन के लिए वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित कराने हेतु शासन द्वारा ठोस कदम उठायें जायेंगे।
पशुधन विकास मंत्री श्री सिंह ने यह भी बताया कि गुणात्मक पशुचिकित्सा में वृद्धि करने हेतु प्रत्येक जनपद में जिला स्तरीय पशु रोग निदान प्रयोगशालाओं की भी स्थापना की जायेगी। मण्डल स्तर भी पशु चिकित्सा पालीक्लीनिक की स्थापना, पशु प्रजनन कार्यक्रम में अतिहिमीकृत स्ट्राज, तरल नत्रजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने, राजकीय पशुधन प्रक्षेत्रों को सुदृढ़ बनाने, कामधेनु एवं मिनी कामधेनु डेयरी योजनाओं के सघन क्रियान्वयन, कुक्कुट विकास नीति का सघन कार्यान्वयन, आजमगढ़ में पशुचिकित्सा महाविद्यालय की शीघ्र अवस्थापना हेतु आवश्यक व्यवस्था, भूमि व्यवस्था किये जाने, पशुधन समस्या निवारण केन्द्र की सक्रियता बढ़ाने पर सरकार द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
पशुधन मंत्री ने बताया कि प्रमुख सचिव पशुधन विकास, पशुपालन निदेशक उ0प्र0 पशुधन विकास परिषद, उ0प्र0 पशु चिकित्सा परिषद, उ0प्र0 कुक्कुट विकास के वरिष्ठ अधिकारियों को पशुधन विकास कार्यक्रमों/योजनाओं को सक्रिय एवं सफल बनाने के निर्देश दिये गये हैं। श्री सिंह ने बताया कि विभिन्न दुधारू पशुओं की उत्पादकता, उत्पादन में वृद्धि करने तथा दुग्ध, अण्डा, ऊन, मांस उत्पादन में स्वावलम्बी बनाने हेतु प्रभावी वैज्ञानिक विधियों द्वारा विभिन्न पशुधन की प्रजनन क्षमता में वृद्धि तथा स्वदेशी पशुधन प्रजाति का संरक्षण एवं सम्बर्धन, कृत्रिम गर्भाधन, पशुओं में भ्रूण प्रत्यारोपण तकनीक का प्रयोग तथा पशुप्रजनन में वृद्धि करने, पशुधन विकास हेतु पर्याप्त मात्रा में हरा चारा एवं पोषण की व्यवस्था सुनिश्चित करने, अण्डा उत्पादन में प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने, पशुपालन व्यवसाय के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रेाजगार के अवसर उपलब्ध कराने में प्रदेश सरकार ने सुदृढ़ व्यवस्था की है।
श्री सिंह ने बताया कि पशुधन विकास क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों यथा उन्नत प्रजनन, पशुरोग नियंत्रण, उन्नत पशुपोषण, आधुनिक पशुधन प्रबंधन के माध्यम से पशुधन की उत्पादकता में वृद्धि होने से गरीब पशुपालकों, निर्बल वर्गों, किसानों, भूमिहीन श्रमिकों की आजीविका हेतु रोजगार मिलेगा तथा उनका आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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