उ0प्र0 सरकार ने निःशुल्क बोरिंग योजना कार्यक्रम में सक्रियता लाने के निर्देश लघु सिंचाई विभाग के समस्त अधिशासी अभियन्ताओं को दिये हैं। निःशुल्क बोरिंग योजना सीमान्त एवं लघु सीमान्त तथा गरीब किसानों के लिए बरदान साबित हो रही है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2013-14 में 90862 गरीब/छोटे किसानों को निःशुल्क बोरिंग योजना का लाभ दिलाया।
यह जानकारी प्रदेश के लघु सिचंाई मंत्री श्री राजकिशोर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में निःशुल्क बोरिंग योजना कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु 7100 लाख रुपये बजट की व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस योजना में सामान्य श्रेणी के लघु, सीमान्त तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषकों हेतु बोरिंग की अनुदान सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है।
लघु सिंचाई मंत्री श्री सिंह ने बताया कि योजना के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमान्त कृषकों को क्रमशः 5000 एवं 7000 रुपये तथा अनुसूचित जाति/जनजाति के लघु एवं सीमान्त कृषकों को 10,000 रुपये का अनुदान प्रदत्त किया जाता है। श्री सिंह ने बताया कि इसके अतिरिक्त पम्पसेट की स्थापना पर सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमान्त तथा अनुसूचित जाति/अनु0 जनजाति के कृषकों को पम्प सेट की वर्तमान इकाई लागत 18000 रुपये के आधार पर इकाई लागत का 25 प्रतिशत अधिकतम 4500 रुपये, 6000 रुपये तथा अनुसूचित जाति/जनजाति को 50 प्रतिशत अधिकतम 9000 रुपये अनुदान दिया जाता है। सिंचाई जल वितरण हेतु 3000 रुपये का अतिरिक्त अनुदान पाइप खरीदने के लिए किसानों को उपलब्ध कराया जाता है। पाइप खरीदने हेतु यह 3000 रुपये की अनुदान की व्यवस्था निःशुल्क बोरिंग योजना के सभी वर्गों के लघु, सीमान्त, छोटे कृषकों को उपलब्ध करायी जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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