सहायक निदेशक मत्स्य ने जनपद के समस्त मत्स्य पालाकों को सूचित किया है कि वे अपने आवंटित ग्राम सभा व निजी तालाबों में मेजर कार्प व सी0कार्प मछली का ही मत्स्य बीज मत्स्य विभाग के माध्यम से उत्तर प्रदेश मत्स्य विकास निगम की हैचरी से प्राप्त कर तालाबों में डालें। उन्होंने कहा है कि मत्स्य पालक तालाबों में थाई मांगुर मछली का पालन न करें क्योंकि यह मछली मांसाहारी प्रकृति की है तथा पानी में उपलब्ध पालतू मछलियों एवं पानी के पौधे एवं जल जीवों को नष्ट कर देती हैं जिससे पर्यावरण का असंतुलन उत्पन्न होने के साथ ही जन स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो सकता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि यदि कोई मत्स्य पालक थाई मांगुर का मत्स्य पालन करते पाया जाता है तो उसके विरूद्ध धारा 144 के अंतर्गत कड़ी कार्यवाही की जायेगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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