स्वाधीनता आन्दोलन, राष्ट्र विभाजन व राष्ट्ररक्षा में शहीद हुए असंख्य क्रान्तिवीरों को लोकमंगल हित सामूहिक तर्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। पितृ पक्ष के अन्तिम दिन शहीद स्मारक पर आयोजित ‘‘शहीद पितृ श्रद्धा नमन ‘‘शहीद श्राद्ध’’ के माध्यम से शहीद पितरों का तर्पणकर संगोष्ठी का आयोजन सुमंगल सेवा साधना संस्थान के राष्ट्रभक्ति जागृति अभियान के तहत परिवर्तन मानव विकास संस्थान, कर्तव्या फाउण्डेशन, पद्मश्री वचनेश त्रिपाठी स्मृति संस्थान, मां सेवा संस्थान, पूर्व सैनिक सेवा परिषद, राष्टीªय महापुरूष स्मृति समिति, समता विचार संस्थान एवं शहीद स्मृति समारोह समिति द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
वरिष्ठ स्तम्भकार एवं विधान परिषद सदस्य श्री ह्रदय नारायण दीक्षित ने मुख्यवक्ता के रूप में कहा कि श्राद्ध पक्ष में तर्पण शहीदों के सम्मान में नहीं बल्कि अपने मानसिक, नैतिक आत्मबल की बृद्धि के लिए की गयी साधना है। शहीद पितरो के प्रति श्रद्धा की आत्मीय अभिव्यक्ति श्राद्ध है। समाज में पूर्वजों वरिष्ठों का सम्मान करना समाज को पुनः अपने चरित्र में लाना पड़ेगा तभी भारतीय संस्कृति बचेगी और देश मे सुख शान्ति व समृद्धि आयेगी। ऋगवैदिक काल से ही पूर्वजों को तर्पण करने की परम्परा चली आ रही है जो देश अपने शहीदों व पूर्वजों को याद नहीं रखता हो वो मिट जाता है। शहीद हमारे प्रेरणा स्रोत हैं इनसे प्रेरणा लेकर युवा वर्ग देश एवं समाज की सेवा करें जिसे भारत विश्व के अग्रणी राष्ट्रों में खड़ा हो सके।
विशिष्ट अतिथि लोक अधिकार मंच के संयोजक एवं लखनऊ विश्वविद्यालय कार्य परिषद के सदस्य डॉ अनिल कुमार सिंह ने कहां कि आज आवश्यकता है समाज में समाज भक्ति जगाने की सामाजिक तानाबाना को ठीक करने के लिए शहीदों के सपनों के अनुरूप भारत का निर्माण करना होगा। तर्पण से प्रसन्न शहीद पितरों के आशीष से ही देश में सुख-शान्ति एवं समृद्धि आयेगी। आज हम जिन ज्ञात-अज्ञात शहीद पितरों का श्रद्र्धापण कर रहे हैं। उनका आशीष हमें स्वदेश भक्ति और सद्भावना के क्षेत्र में आगे बढ़ायेगा।
अध्यक्षता करते हुए आल इण्डिया इंजीनियर फेडरेशन के चेयरमैन ई शैलेन्द्र दुबे ने काकोरी काण्ड, आजाद हिन्द फौज और क्रान्तिकारियों से सम्बन्धित संस्करण सुनाकर सभी को उनके बताये रास्ते पर चलाने का आहवान करते हुये कहां कि सरकार शहीदों का उचित सम्मान नहीं कर रही है। सरकार को शहीद स्मारक सहित विभिन्न शहीदों के स्मारकों की उचित सम्मान करना चाहिए जिसे युवा पीढी़ इनसे प्रेरित होकर देश के लिए जीना सीखे।
परिवर्तन मानव विकास संस्थान के संरक्षक डा0 विपिन पाण्डेय ने शहीद श्राद्व की महिमा बताते हुए कहा कि इस तर्पण का उद्देश्य लोक मंगल है। शहीद की तृप्ति से ही भारत का राष्ट्र जीवन समुज्जवलित होगा। इनकी कृपा से राष्ट्र को समर्पित नई पीढी़ तैयार होगी जिससे देश उन्नति के मार्ग पर अग्रसर होगा। हम सभीे विशेषकर युवा पीढी को सर्वागीण विकास के लिये अपनी प्रतिभा क्षमता अर्पित करना चाहिए यही इन शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
सुमंगलम् परिवार के महासचिव राज कुमार ने कहा कि जिन क्रान्तिकारियों ने अपना प्राणोत्सर्ग करके हमें आजादी दिलायी उनके सपनों का भारत बनाने के लिए हमें देश के लिए जीना चाहिए और निहित स्वार्थों और आपसी वैमनस्यता को भुलाकर देश के विकास में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए।
कर्तव्या फाउण्डेशन के महासचिव डाॅ0 हरनाम सिंह ने सभी को संकल्प दिलाते हुए कहा कि हम सभी देश और समाज की रक्षा के लिये आजीवन कार्यरत रहेंगे। भारत वर्ष की सनातन संस्कृति में पितरों के प्रति श्रद्धापूर्ण की सुदीर्घ परम्परा रही है। जिन क्रान्तिवीरों की शहादत से आज राष्ट्र जीवन सतत् आलोकित है, उन भारत माता के वीर सपूतों के त्याग, बलिदान व सर्मपण को नमन करना हमारा पुनीत कर्तव्य है। आहवान है कि इस आयोजन में सभी तन-मन से सहभागी होकर कृतज्ञ भाव से क्रान्तिकारियों को अपनी श्रद्धा समर्पित करें। तभी भारत विश्व के मानस पटल पर उभर सकेगा।
राष्टीªय महापुरूष स्मृति समिति के संयोजक भारत सिंह ने कहा की क्रान्ति वीरों के सपनों को साकार करने के लिए देश की युवा पीढ़ी को उन्हें अपना आदर्श मानकर उनके बताये रास्ते पर चलना चाहिए। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ समाजसेवी व शहीद स्मृति संस्थान के सचिव उदय खत्री ने कहा कि देश के लिए जान देने वालों की आत्मा को तृप्ति प्रदान करने के लिए आयोजित यह अनूठा कार्यक्रम राष्ट्र प्रेम की मिशाल है। कर्तव्या फाउण्डेशन के संरक्षक सुभाष चन्द्र अग्रवाल ने कहा कि सभी को अपने पुज्य पितरों के साथ शहीदों का भी तर्पण एवं श्रद्धापूर्ण करना चाहिए। भारत वर्ष में शहादत की लम्बी परम्परा है जो देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर करते रहे हैं। इस क्रान्ति वीरों के कारण ही आज हम स्वतंत्र हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय ज्योतिष शास्त्र विभाग के ज्योतिषाचार्य डा0 विपिन पाण्डेय, आचार्य आचार्य प्रवीण वाजपेयी के नेतृत्व में शहीदों की आत्मा की तृप्ति के लिए तिल जौ और अच्छत की तिलांजलि देकर तर्पण का कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम को प्रमुख रूप से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष प्रो अनिल कुमार सिंहए पद्मश्री वचनेश त्रिपाठी स्मृति संस्थान के सचिव शशिकांत गोपाल , माँ सेवा संस्थान के सचिव डॉ अजय गुप्ता , वरिष्ठ समाजसेवी सतीश गुप्ता , समता विचार संस्थान के संयोजक त्रिवेणी प्रसाद मिश्रा, महेश साहू, दद्दू , मान सिह,ं राष्ट्रवादी कवि विजय त्रिपाठी ने सम्बोधित किया। जिसमें प्रमुख रूप से भारतीय मजदूर संघ के संगठन मंत्री अनुपम जी, बीजेपी महिला मोर्चा नेत्री सुमन शुक्ल , अवधेश गुप्ता छोटू, अनन्त शर्मा, उत्तर प्रदेश अधिकारी महापरिषद के महासचिव डॉ एस के सिंह , के पी गुप्ता , अजीत सिंह, डी एन सिंह , डॉ दिनेश चन्द्र दत्त राम पाण्डेय , भैया जी , कृष्णा पटेल , प्रो नर सिंह , विज़न एकेडमी की प्राचार्या सुमन शुक्ला , लाल जी, देवनंदन मुनि, अभिषेक मिश्रा ,मृत्युंजय रस्तोगी सहित शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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