Categorized | लखनऊ.

उ0प्र0 खेत मजदूर यूनियन का 25 सितम्बर को विधानसभा पर राज्य स्तरीय प्रदर्शन चारबाग रेलवे स्टेशन से चलेगा जुलूस, दयानिधान पार्क, लालबाग में होगी सभा

Posted on 24 September 2014 by admin

उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन के महासचिव बी.एल. भारती ने बताया कि खाद्य सुरक्षा लागू करने व सबको दो रूपया किलो में 40 किलो राशन सहित सस्ती दर पर जीवन उपयोगी चैदह आवश्यक वस्तुयें उपलब्ध कराने, नये राशनकार्ड जारी करने, बढ़ती महंगाई पर रोक लगाने, मनरेगा को प्रभावी ढंग से लागू करने, साल में दो सौ दिन काम की गारंटी व मजदूरी की दर 300 रूपया घोषित करने व बकाया मजदूरी का तुरन्त भुगतान करने, भूमिहीनों के कृषि योग्य दो एकड़ व आवास हेतु 200 वर्ग मीटर भूमि आवंटित् करने, वन में रहने वाले गरीबों को वन से नहीं निकालने और उन्हें वन में ही आवासीय व कृषि हेतु पट्टे जारी करने, दलितों व महिलाओं पर होने वाले अपराधों को सख्ती से रोकने, दलित हितों की बंद योजनायें चालू करने तथा आबादी के अनुपात में बजट में धनराशि आवंटित करने, सबको आवास, पीने का पानी, शौचालय, वृद्धावस्था पेंशन, चिकित्सा, मुफ्त शिक्षा, बिजली जैसी बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराने, खेत मजदूरों के हित में एक सर्वसमावेशी कानून बनाने, आंगनवाड़ी, आशा, रसोईया व रोजगार सेवकों को नियमित करने, प्रदेश के सूखा प्रभावित 53 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर मजदूरों को अतिरिक्त रोजगार, राशन तथा किसानों को आधी कीमत पर डीजल, मुफ्त में बिजली, खाद बीज पानी आदि उपलब्ध कराने आदि मांगों पर राज्य स्तरीय प्रदर्शन 25 सितम्बर को विधानसभा पर होगा। चारबाग रेलवे स्टेशन से जुलूस शुरू होगा और बर्लिंग्टन, रायल होटल चैराहा होते हुए दयानिधान पार्क लालबाग पहुंचेगा जहां सभा होगी।
सभा को यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व सांसद कामरेड विजय राघवन, सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो सदस्य कामरेड वृंदा करात तथा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद कामरेड सुभाषिनी अली, राष्ट्रीय सहसचिव कामरेड सुनीत चोपड़ा सम्बोधित करेंगे। सभा के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ज्ञापन दिया जायेगा।
बी.एल. भारती ने कहा कि ग्रामीण आबादी में 78 फीसदी गरीब हैं जिन्हें दो वक्त की रोटी के लाले पड़े हुए हैं। इनके बीबी, बच्चे, कुपोषण और खून की कमी का शिकार हैं। इनकी प्रमुख समस्या रोजगार, रोटी, आवास व सामाजिक सम्मान की है। ये सामंती शोषण व सूदखोरी के मकड़जाल में फंसे हुए हैं। ग्रामीण दस्तकारों, बढ़ई, कुम्हार, लुहार, बुनकर, नाई आदि के रोजगार धंधे चैपट हो गये हैं जो कि रोजगार की तलाश में घर छोड़कर जाने को मजबूर हैं। सरकार को इस ओर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

May 2024
M T W T F S S
« Sep    
 12345
6789101112
13141516171819
20212223242526
2728293031  
-->









 Type in