उ0प्र0 की समाजवादी पार्टी की सरकार विद्युत समस्या को दूर करने के लिए ताबड़तोड़ अधिकारियों की बैठकें, समीक्षा एवं केन्द्र सरकार से अपेक्षित सहयोग न मिलने का रोना रोकर प्रदेश की जनमानस के साथ छल कर रही है। प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह कागजी खानापूर्ति बंद कर ठोस कदम उठाये और उ0प्र0 के जनमानस को प्रदेश की जनता को बिजली समस्या से निजात दिलाये।
उ0प्र0 कंाग्रेस कमेटी के प्रवक्ता अशोक सिंह ने आज यहां जारी बयान में कहा कि विद्युत संकट प्रदेश में इस कदर गहरा गया है कि प्रदेश के तमाम जनपदों में सिर्फ 4 घंटे की ही बिजली आपूर्ति हो पा रही है। खरीफ की फसल सिंचाई के अभाव में सूखने लगी है जिसके कारण प्रदेश के किसानों में असंतोष व्याप्त हो गया है। सूखा, बाढ़ की त्रासदी से एक ओर जहां किसान परेशान है वहीं बिजली समस्या के चलते उसकी खरीफ की फसल बर्बाद हो रही है।
श्री सिंह ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि पिछले 25 वर्षों से प्रदेश में जबसे भाजपा, बसपा एवं समाजवादी पार्टी की सरकारें सत्ता में आयीं, इन सरकारों ने प्रदेश के विकास को दरकिनार रखते हुए सिर्फ अपने निजी स्वार्थों की पूर्ति में लगीं रहीं। एक मेगावाट भी विद्युत उत्पादन के लिए विद्युत इकाइयां नहीं स्थापित की, जिसका परिणाम यह हुआ कि कंाग्रेस पार्टी के शासनकाल में स्थापित की गयी इकाइयां इन गैर कंाग्रेसी सरकारों की उदासीनता की भेंट चढ़ गयीं। इन उत्पादन इकाइयों की समुचित रखरखाव और अनुरंक्षण न होने से हालत यह है कि रोजाना कोई न कोई एक इकाई कार्य करना बंद कर देती है। जिसके सम्बन्ध में प्रदेश सरकार कोयला और केन्द्रीय पूल से समुचित बिजली न मिलने का केन्द्र सरकार पर आरोप लगाकर अपनी जिम्मेदारियों की इतिश्रि कर लेती है और इसका खामियाजा प्रदेश की आम जनता और किसानों को भुगतना पड़ता है।
श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में बिजली का भीषण संकट है और प्रदेश के मुख्यमंत्री आज तक सिर्फ आरोप-प्रत्यारोप एवं सिर्फ अधिकारियों की बैठकें और कागजी कार्यवाही तक ही सीमित रह गये हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील है कि वह आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति से ऊपर उठकर विधानसभा चुनाव में जनता से किये गये वादों को याद करें और बिजली समस्या हल करने के लिए ठोस कदम उठायें।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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