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राज्य सरकार प्रदेश के हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध: मुख्यमंत्री

Posted on 22 September 2014 by admin

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि राज्य सरकार प्रदेश के हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के परम्परागत हस्तशिल्प उद्योगों को संरक्षण प्रदान करते हुए राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय माँग के अनुरूप विकास के नए आयामों तक पहुँचाना तथा हस्तशिल्पियों के जीवन स्तर में निरन्तर गुणात्मक सुधार सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के हस्तशिल्प उद्योग की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने हस्तशिल्पियों के उत्थान के लिए उ0प्र0 हस्तशिल्प प्रोत्साहन नीति-2014 बनाई है, जिसका उद्देश्य प्रदेश के औद्योगिक विकास के साथ-साथ हस्तशिल्प को बढ़ावा देना है। इसका एक अन्य उद्देश्य हस्तशिल्पियों के जीवन स्तर में सुधार लाना तथा प्रदेश के परम्परागत हस्तशिल्प उद्योग को नया आयाम तथा संरक्षण देना भी है। इस नीति के तहत हस्तशिल्प एवं हस्तशिल्पियों का चिन्हीकरण एवं पंजीकरण करवाया जाएगा।
श्री यादव ने कहा कि सरकार हस्तषिल्प उत्पादों के उत्पादन मंे वृद्धि, उनकी गुणवत्ता में सुधार, कच्चे माल की उपलब्धता तथा मानवसंसाधन के विकास के लिए सारे प्रयास करेगी और हर संभव सहायता उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए आयुक्त एवं निदेशक उद्योग को पदेन विकास आयुक्त हस्तशिल्प नामित करते हुए उनके अधीन एक विशेष राज्य स्तरीय हस्तशिल्प सेल का गठन करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में वास्तविक सर्वेक्षण करवाते हुए हस्तशिल्पियों का पंजीयन कराकर उन्हें पहचान-पत्र दिया जाएगा। प्रदेश के विशिष्ट हस्तशिल्पियों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए भौगोलिक सूचकांक भी उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में हस्तशिल्प के विकास के लिए क्लस्टर एप्रोच के तहत कार्यवाही की जाएगी तथा विभिन्न प्रचलित योजनाओं में हस्तशिल्पियों के लिए उच्चकोटि की अवस्थापना सुविधाओं के विकास को प्राथमिकता दी जाएगी। यही नहीं, हस्तशिल्प उत्पादन में वृद्धि के लिए टूल्स एवं तकनीक विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। नए तकनीकी विकास से सुसज्जित काॅमन फैसिलिटी सेण्टर भी विकसित किए जाएंगे।
श्री यादव ने कहा कि उत्पादों के डिजायनों में विविधता एवं पैकेजिंग बाजारोन्मुखी बनाने की व्यवस्था को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही, हस्तशिल्प के विकास के लिए देश/प्रदेश के विभिन्न सरकारी/गैर-सरकारी शिक्षण/प्रशिक्षण संस्थानों से समन्वय करके तकनीकी विकास एवं डिजायन डेवलेपमेन्ट में सहयोग लिया जाएगा। हस्तशिल्पियों के कौशल विकास हेतु विशेष प्रयास जैसे प्रशिक्षण, एक्सपोजर विजिट आदि का भी आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा हस्तशिल्पियों की आय में कई गुना इजाफा करने की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुशल हस्तशिल्पियों को चिन्हांकित कर उन्हें मास्टर क्राफ्टमैन के रूप में पंजीकृत किया जाएगा और उनके माध्यम से नए क्राफ्टमैन विकसित किए जाएंगे। साथ ही, अभियान चलाकर हस्तशिल्पियों को बैंकों से ‘आर्टीजन क्रेडिट कार्ड’ की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। हस्तशिल्पियों द्वारा ‘आर्टीजन क्रेडिट कार्ड’ से प्राप्त बैंक ऋण के लिए ब्याज अनुदान की एक नई योजना चालू की जाएगी।
श्री यादव ने कहा कि हस्तशिल्पियों की आवश्यकतानुसार कच्चे माल के डिपो निजी क्षेत्र में खोलने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा। हस्तशिल्पियों की आवश्यकतानुसार वैकल्पिक कच्चे माल को विकसित करने के लिए अनुसंधान/तकनीकी संस्थाओं का भी सहयोग लिया जाएगा। साथ ही, उत्पादों के मानकीकरण/प्रमाणीकरण के लिए टेस्टिंग लेबोरेटरीज की स्थापना की जाएगी। हस्तशिल्प उत्पादन, कौशल विकास, कच्चे माल की उपलब्धता, उत्पादों के लिए वेयर हाउस की सुविधा आदि से सुसज्जित इन्टीग्रेटेड हैण्डीक्राफ्ट्स पार्क की स्थापना निजी क्षेत्र के सहयोग से की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हस्तशिल्प उत्पादों के प्रदर्शन एवं विपणन के लिए सूचना तकनीकी का प्रयोग करते हुए ‘उ0प्र0 हस्तशिल्प’ का पोर्टल विकसित किया जाएगा। हस्तशिल्प उत्पादों के प्रचार-प्रसार एवं ब्राण्ड प्रमोशन के लिए भी प्रयास किए जाएंगे। प्रदेश के हस्तशिल्प के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु एक ‘काॅफी टेबल बुक’ तैयार की जाएगी, जो देश एवं प्रदेश के पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थानों यथा पांच सितारा होटलों/एयरपोर्ट काॅफी लाउंज इत्यादि में प्रदर्शित की जाएगी।
श्री यादव ने कहा कि हस्तशिल्प विशेष के लिए क्राफ्ट-विलेज निजी क्षेत्र के सहयोग से विकसित किए जाएंगे। हस्तशिल्प को पर्यटन से जोड़ते हुए हस्तशिल्प बाहुल्य स्थानों को पर्यटन केन्द्रों के रूप में विकसित किया जाएगा। हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित माल के प्रदर्शन एवं विपणन हेतु लखनऊ में एक उच्चस्तरीय हैण्डीक्राफ्ट मार्ट की स्थापना कराई जाएगी। लखनऊ के अलावा प्रदेश के अन्य जनपदों, मण्डलों एवं अन्य महतवपूर्ण स्थानों पर निजी क्षेत्र में अथवा पी0पी0पी0 मोड में हैण्डीक्राफ्ट मार्ट की स्थापना कराई जाएगी। यही नहीं, प्रदेश के हस्तशिल्पियों का हस्तशिल्प क्षेत्र के जुड़े डिजायनरों, व्यवसायियों एवं निर्यातकों से इण्टरफेस कराकर हस्तशिल्प विपणन को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही, अन्तर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय हस्तशिल्प मेलों/लोक-कला मेलों में प्रदेश के हस्तशिल्प उत्पादों का अधिकाधिक प्रदर्शन करते हुए सहभागिता सुनिश्चित कराई जाएगी। प्रदेश के हस्तशिल्पियों के लिए बायर-सेलर मीट/कार्यशाला का आयोजन कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वर्तमान में लागू हस्तशिल्प विपणन प्रोत्साहन योजना/निर्यात प्रोत्साहन योजना को यथाआवश्यक व्यावहारिक संशोधन के साथ जारी रखा जाएगा। हस्तशिल्पियों के लिए उच्च स्तर के प्रशिक्षण की व्यवस्था कराई जाएगी। उनके लिए प्रदेश सरकार के सामान्य सुविधा एवं प्रशिक्षण केन्द्र को आधुनिक बनाते हुए पेशेवर तरीके से संचालित कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र में भी हस्तशिल्प से सम्बन्धित सामान्य सुविधा एवं प्रशिक्षण केन्द्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
श्री यादव ने कहा कि हस्तशिल्प पुरस्कार योजना का दायरा भी बढ़ाया जाएगा। प्रदेश द्वारा संचालित हस्तशिल्प पेंशन योजना को और उदार बनाया जाएगा। हस्तशिल्पियों को सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना से अधिक से अधिक आच्छादित कराया जाएगा। हस्तशिल्पियों की समस्याओं के निराकरण एवं उनके विकास व उत्थान के लिए एक आर्टीजन वेलफेयर बोर्ड का गठन किया जाएगा, जिसमें हस्तशिल्प के व्यवसाय में लगे हुए व्यापारियों की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। हस्तशिल्पियों/दस्तकारों द्वारा हस्तशिल्प उत्पादन में उपयोग की जा रही बिजली को रियायती दरों पर सुलभ कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को प्रदेश की हस्तशिल्प के गौरवशाली इतिहास एवं वर्तमान प्रास्थिति के महत्व की जानकारी देने के लिए कोर्स पुस्तकों में हस्तशिल्प का एक चैप्टर शामिल किया जाएगा। प्रदेश में हस्तशिल्प संग्रहालय की स्थापना की जाएगी। प्रदेश में एक डिजाइन विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। उ0प्र0 हस्तशिल्प विपणन एवं विकास निगम के माध्यम से हस्तशिल्प उत्पादों के व्यवसाय को बढ़ावा दिया जाएगा।
श्री यादव ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन नीति के क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण के लिए नोडल विभाग होंगे। इस नीति के क्रियान्वयन के लिए सभी सम्बन्धित विभागों द्वारा आवश्यकतानुसार शासनादेश निर्गत किए जाएंगे। यदि नई नियमावली बनाई जाती है, तो उसे शीघ्र तैयार किया जाएगा। यदि पुरानी किसी नियमावली में किसी संशोधन की आवश्यकता होगी, तो उसे संशोधित किया जाएगा। समयबद्ध रूप से नीति की क्रियान्वयन किया जाएगा।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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