प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक श्री संरक्षक श्री जे0एस0 अस्थाना ने बताया कि प्रदेश में वन्य जीव संरक्षण की कई योजनाएं चलाई जा रही है। इसमें प्रोजेक्ट टाइगर भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त पोषण से चलाई जा रही है। यह योजना बाघ एवं उसके प्राकृतवास के संरक्षण हेतु चलाई जा रही है। दुधवा राष्ट्रीय पार्क मुख्यतः भारत सरकार की योजना-‘‘प्रोजेक्ट टाइगर’’ से वर्ष 1987 में आच्छादित किया गया। कालानतर में किशनपुर वन्यजीव विहार एवं कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार को भी इसके साथ रख कर इसे संयुक्त रूप से भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना-‘‘प्रोजेक्ट टाइगर’’ के अन्तर्गत लाया गया एवं दुधवा टाइगर रिजर्व का नाम दिया गया। इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 में 679.07 लाख रुपये, वर्ष 2012-13 मंे 788.86 लाख रुपये तथा वर्ष 2013-14 में 759.41 लाख रुपये व्यय किया गया है। इसी प्रकार इन्टीग्रेटेड डेवलेपमेंट आॅफ वाइल्ड लाइफ हैबीटेट्स योजना भारत सरकार की सहायता से प्रदेश के समस्त पक्षी विहारों एवं वन्यजीव विहारों के विकास एवं प्रबंधन हेतु क्रियान्वित की जा रही है। वर्ष 2002-03 से भारत सरकार द्वारा समस्त पक्षी विहारों के पारिस्थितिकीय विकास कार्यों को भी उक्त योजना में सम्मिलित कर दिया गया है। इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 में 283.56 लाख रुपये, वर्ष 2012-13 में 336.31 लाख रुपये तथा वर्ष 2013-14 में 448.93 लाख रुपये व्यय किया गया है। इसी प्रकार प्रोजेक्ट एलीफैन्ट भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा औपचारिक रूप से विज्ञापित एलीफैन्ट रिजर्व हेतु चलाई जा रही है। योजना के अन्तर्गत हाथी के प्राकृतवासों की सुरक्षा व संरक्षण, अवैध शिकार विरोधी गतिविधियां, मानव वन्यजीव संघर्ष की स्थितियांे के अल्पीकरण, स्थानीय समुदायेां में वन्यजीव संरक्षण के प्रति चेतना व जागरूकता उत्पन्न करना आदि कार्यों के लिए यह वित्तीय सहायता प्राप्त होती है।
उत्तर प्रदेश में 3 वन प्रभागों, शिवालिक, बिजनौर सामाजिक वानिकी एवं नजीबाबाद वन प्रभाग, जिनमें हार्थियों की बहुतायत है, इस योजना के लिए चिन्हित किये गये हैं। इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 में 24.57 लाख रुपये व्यय, वर्ष 2012-13 में 7.75 लाख रुपये तथा वर्ष 2013-14 में 12.50 लाख रुपये व्यय किया गया ह।
श्री अस्थाना ने बताया कि नेशनल प्लान फाॅर कन्जरवेशन आॅफ एक्वेटिक ईको सिस्टम पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, भारत सरकार के नेशनल वेटलैण्ट कन्जरवेशन प्रोग्राम के तहत चलाई जा रही थी। भारत सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वित की जा रही यह योजना राष्ट्रीय वेटलैण्ड संरक्षण कार्यक्रम तथा नेशनल लेक कन्जरवेशन प्लान को समाहित करते हुए नई योजना नेशनल प्लान फाॅर कन्जरवेशन एक्वेटिक ईको सिस्टम वर्ष 2013-14 से क्रियान्वित करने का निर्णय लिया है। यह नई योजना भारत सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा 70ः30 के अनुपात में संचालित की जाती है। इस योजना का उद्देश्य संरक्षित तथा गैर संरक्षित वेटलैण्ड की सुरक्षा, प्राकृत वास सुधार, कैचमेंट एरिया ट्रीटमेंट, शोध स्ािानीय समुदायेां के साथ भागीदारी प्रबन्ध एवं जल गुणवत्ता अनुश्रवण आदि मदों मे ंसहायता पहंुचाना है। इस कार्यक्रम के तहत भारत सरकार द्वारा विशिष्ट वेटलैण्ड्स के 5 वर्षीय मैनेजमेंट इन्टरवेन्शन ऐक्शन प्लान के आधार पर वार्षिक वित्तीय स्वीकृति प्रदान की जाती है। इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2011-12 में 214.49 लाख रुपये, वर्ष 2012-13 में 222.35 लाख रुपये तथा वर्ष 2013-14 में 220.05 लाख रुपये व्यय किया गया है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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