उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य सड़क सुरक्षा नीति शीघ्र निर्गत की जा रही है, जिसका शुभारम्भ प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा आगामी 22 सितम्बर को कराया जाय। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने हेतु निर्देश दिए हैं कि राजमार्गों पर चिन्हित दुर्घटना बाहुल्य स्थानों पर सड़क सुरक्षा सम्बन्धित जानकारी के बोर्ड तत्काल लगवाये जायँ। उन्होंने कहा कि राजमार्गों पर प्रत्येक 05 किलोमीटर की दूरी पर संबंधित थानों के नाम एम्बुलेन्स की व्यवस्था एवं टोल-फ्री नम्बर की जानकारी के बोर्ड भी लगवाये जाय। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा के तहत प्राप्त क्रेनों को पी0पी0पी0 माॅडल पर संचालित कराने की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाय। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त जिलांे में एम्बुलेंस की उपलब्धता की चिन्हित स्थानों की समुचित जानकारी जनप्रतिनिधियों एवं जनसामान्य को उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने कहा कि छात्रों को सड़क सुरक्षा सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध कराने हेतु बेसिक शिक्षा परिषद की भांति माध्यमिक शिक्षा परिषद के पाठ्यक्रम में यातायात एवं सड़क सुरक्षा विषयक अध्याय सम्मिलित करायें जायें।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की उच्चाधिकार समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद के परिवहन अधिकारी द्वारा अपने जनपदों में स्थित समस्त स्कूलों एवं काॅलेजों में प्रधानाचार्य एवं अध्यापकों की उपस्थिति में प्रत्येक तीन माह में परिवहन गोष्ठी का आयोजन अवश्य कराया जाय। उन्होंने कहा कि लखनऊ में इन्स्पेक्शन एण्ड सर्टिफिकेशन सेण्टर की स्थापना हेतु भारत सरकार को प्रेषित प्रस्ताव के सापेक्ष अतिशीघ्र धनराशि प्राप्त करने हेतु निरन्तर अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट एवं नाॅन ट्रांसपोर्ट ड्राइविंग लाइसेंस को जारी करने के सम्बन्ध में चालकों के प्रशिक्षण हेतु जनपद रायबरेली में आधुनिक इण्डियन ड्राइविंग ट्रेनिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट भारत सरकार, टाटा मोटर्स एवं परिवहन विभाग के सहयोग से खोला जायेगा। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार चालकों की ट्रेनिंग हेतु जनपद झांसी में भी भारत सरकार के सहयोग से आधुनिक ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को पुनः प्रेषित किया जाये। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने हेतु परिवहन कार्यालयों में टेस्टिंग ट्रैक की स्थापना प्राथमिकता से करायी जाय।
श्री रंजन ने कहा कि प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित सड़क सुरक्षा समितियों की नियमित बैठक आयोजित कराने के साथ-साथ मण्डल स्तर पर भी मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में एक अनुश्रवण समिति अवश्य गठित की जाय। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में सुधार हेतु 27 जनपदों में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक निर्मित हो जाने के फलस्वरूप अवशेष ऐसे जनपदों में, जिनमें वर्तमान में टेस्टिंग ट्रैक नहीं हैं, वहां पर चालकों के परीक्षण हेतु वैकल्पिक स्थान चिन्हित कराने हेतु सम्बन्धित जिलाधिकारी से अनुरोध किया जाय। उन्होंने कहा कि वाहनों की फिटनेस निर्गत करने की प्रक्रिया में सुधार के लिये 36 जनपदों में फिटनेस पिट का निर्माण कराया जा रहा है। इसके अतिरिक्त लखनऊ में भारत सरकार के वित्तीय सहयोग से माॅडल इन्स्पेक्शन एण्ड सर्टिफिकेशन सेण्टर की स्थापना की कार्यवाही प्राथमिकता से सुनिश्चित करायी जाय। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में गठित जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समितियों का दायित्व है कि वह सड़क दुर्घटनाओं को रोकने तथा दुर्घटना से प्रभावित व्यक्तियों को मिलने वाली सहायता की स्थिति की नियमित समीक्षा सुनिश्चित करते हुये अपनी संस्तुतियां जिला प्रशासन या राज्य प्रशासन को अवश्य उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि राज्य सड़क सुरक्षा में प्रस्तावित उच्चाधिकार समिति के सचिवालय के रूप में रोड सेफ्टी सेल के गठन हेतु आवश्यकतानुसार पदों का सृजन यथाशीघ्र कराया जाय।
बैठक में प्रमुख सचिव परिवहन श्री कुमार अरविन्द सिंह देव, प्रमुख सचिव लोक निर्माण डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव नियोजन श्री देवेश चतुर्वेदी, परिवहन आयुक्त श्री के0रविन्द्र नायक, सचिव नगर विकास श्री एस0पी0सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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