उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने निर्देश दिए हैं कि केन्द्रीय मार्ग निधि के अन्तर्गत प्रदेश में सड़कों के निर्माण एवं मरम्मत की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव तत्काल भारत सरकार को भेज दिया जाय। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष के अन्तर्गत स्वीकृत नये कार्यों की स्वीकृतियां आगामी अक्टूबर माह तक अवश्य निर्गत करा दी जाय। उन्होंने कहा कि प्रत्येक दशा में सुनिश्चित किया जाय कि प्रदेश में सड़कों की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से सुनिश्चित हो ताकि आम नागरिकों में विभाग की छवि खराब न हो। उन्होंने कहा कि कानपुर, शुक्लागंज, उन्नाव सड़क मार्ग फोर लेन बनाने हेतु प्रस्ताव यथाशीघ्र प्रस्तुत किया जाय। उन्होंने कहा कि स्टेट बार्डर में चिन्हांकित 81 सड़कों पर आवश्यक कार्य कराने हेतु कार्य योजना यथाशीघ्र प्रस्तुत की जाय। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत हेतु पर्याप्त बजट उपलब्ध होने के बावजूद भी सड़कें समय से निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के अनुरूप न बनने की स्थिति पर संबंधित अभियन्ताओं की जिम्मेदारी नियत कर दण्डित किया जाय। उन्होंने कहा कि ग्रामीण सड़कों की मरम्मत हेतु नाबार्ड से लगभग 100 करोड़ रूपये प्राप्त करने हेतु निरन्तर अनुश्रवण सुनिश्चित कराया जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 13 वें वित्त आयोग के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड, पूर्वांचल इण्डो-नेपाल बार्डर क्षेत्रों में मार्ग के विकास हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष 2014-15 के लक्ष्य के अनुसार 200 करोड़ रूपये प्राप्त करने के प्रयास किये जाय। उन्होंने कहा कि इण्डो-नेपाल बार्डर मार्ग परियोजना के अन्तर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष के निर्धारित लक्ष्य 250 करोड़ रूपये की धनराशि भारत सरकार से प्राप्त करने हेतु निरन्तर अनुश्रवण सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने कहा कि श्री राम शरण दास ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत विगत वित्तीय वर्ष 2013-14 के लक्षित 1942 बसावटों के सापेक्ष अवशेष 357 बसावटों के सम्पर्क मार्गों के कार्य को आगामी माह अक्टूबर तक तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2014-15 में लक्षित 1765 बसावटों में से कम से कम 1200 बसावटों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ने का कार्य आगामी 31 मार्च, 2015 तक अवश्य पूर्ण करा दिया जाय। उन्होंने कहा कि योजनान्तर्गत 500 अथवा उससेे अधिक आबादी की अनूजुड़ी बसावटों को पक्के मार्ग से जोड़ने हेतु विगत वर्ष 2013-14 में 1942 बसावटें लक्षित की गई थी जिसमें से विगत 31 अगस्त तक 1585 बसावटें ही संतृप्त हुई हैं।
श्री रंजन ने जिला मुख्यालयों को चार लेन मार्गों के कार्याें की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि लोक निर्माण विभाग द्वारा विगत वित्तीय वर्ष 2012-13 में स्वीकृत जनपद मैनपुरी (मैनपुरी प्रभाग) एवं कौशाम्बी को चार लेन से जोड़ने का कार्य आगामी जून, 2015 तथा मैनपुरी (इटावा प्रभाग) को चार लेन से जोड़ने का कार्य आगामी अप्रैल, 2015 तक अवश्य पूर्ण करा दिया जाय। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2013-14 में स्वीकृत जनपद श्रावस्ती, सम्भल में चार लेन का कार्य मार्च, 2015 जनपद फर्रूखाबाद में टू-लेन पेव्ड शोल्डर का कार्य मार्च, 2015, जनपद बदांयू चार लेन एवं बलिया में टू-लेन पेव्ड शोल्डर का कार्य आगामी मार्च, 2016 तक अवश्य पूर्ण करा दिया जाय। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2014-15 में प्रस्तावित जनपद चित्रकूट, महोबा, कुशीनगर तथा भदोही में टू-लेन पेव्ड शोल्डर कार्य की स्वीकृतियां आगामी अक्टूबर माह तक अवश्य निर्गत हो जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि विगत अप्रैल, 2014 के अवशेष 419 अधूरे सेतुओं को पूर्ण किये जाने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में लक्षित 168 अधूरे सेतुओं में से विगत अगस्त माह मे पूर्ण 19 के अतिरिक्त 65 सितम्बर माह में, 114 दिसम्बर माह में तथा 168 मार्च, 2015 तक अवश्य पूर्ण करा दिये जाय। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार विगत अप्रैल, 2014 को अवशेष 77 रेल उपरिगामी सेतुओं में वर्तमान वित्तीय वर्ष 2014-15 में लक्षित 35 में से 4 विगत अगस्त माह में पूर्ण हो जाने के फलस्वरूप अवशेष 09 आगामी सितम्बर माह मे, 22 दिसम्बर में तथा 35 आगामी मार्च, 2015 तक रेल उपरिगामी सेतुओं का कार्य अवश्य पूर्ण करा दिया जाय।
मुख्य सचिव ने डा0 राम मनोहर लोहिया समग्र विकास योजना के अन्तर्गत ग्रामों को सम्पर्क मार्गों से जोड़ने हेतु विगत वित्तीय वर्ष 2012-13 के अवशेष 10 ग्रामों को माह अक्टूबर तथा वित्तीय वर्ष 2013-14 के 313 ग्रामों को आगामी दिसम्बर माह तक तथा वर्तमान वित्तीय वर्ष 2014-15 के लक्षित 740 ग्रामों के सापेक्ष 375 ग्रामों का संतृप्तीकरण का कार्य आगामी 31 मार्च, 2015 तक अवश्य पूर्ण कराना सुनिश्चित करंे। उन्होने एनएचआई के 19 सड़को को पूर्ण कराने हेतु एनएचआई के अधिकारियो के साथ निरन्तर बैठक कर कार्यवाही पूर्ण कराने के निर्देश दिये।
प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग, डा0 रजनीश दुबे ने बताया कि इण्डो-नेपाल बार्डर मार्ग परियोजना के अन्तर्गत 12 सड़को का कार्य प्रारम्भ हो चुका है तथा शेष में शीघ्र औपचारिकताए पूर्ण कर कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने बताया कि भारत सरकार से वित्त पोषित प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के निर्माणाधीन कार्यों हेतु लगभग 1300 करोड़ रूपये की धनराशि के सापेक्ष मात्र 288 करोड़ रूपये की धनराशि ही उपलब्ध हुई हेै जिसके कारण मार्ग काफी समय से अधूरे पड़े हैं एवं क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। केन्द्रीय मार्ग निधि के अन्तर्गत भी रूपये 270 करोड़ धनराशि की प्रतिपूर्ति भारत सरकार से अपेक्षित है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में भारत सरकार के नियंत्रणाधीन राष्ट्रीय मार्गों के समुचित रख-रखाव हेतु पर्याप्त धनराशि उपलब्ध न हो पाने के कारण मार्गों की स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में भारत सरकार से अनुरोध करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष हेतु आवंटित बजट 11276 करोड़ रूपये के सापेक्ष अब तक लगभग 74 प्रतिशत स्वीकृतियां निर्गत की जा चुकी हैं जिस पर संतोष व्यक्त किया गया, जारी स्वीकृतियों के सापेक्ष लगभग 50 प्रतिशत धनराशि क्षेत्रों को निर्गत भी की जा चुकी है एवं क्षेत्रों में कार्य प्रगति पर है।
बैठक में प्रमुख सचिव, कार्यक्रम क्रियान्वयन, श्री एस0पी0 गोयल, सचिव वित्त, श्री राजीव श्रीवास्तव सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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