प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री श्री महबूब अली ने कहा कि पुरस्कार प्राप्त अध्यापकों का 5 वर्ष का कार्यकाल बढ़ाया जायेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा में पारदर्शिता व गुणवत्ता को सही बनाये रखने के लिये सार्थक प्रयास किये जा रहे हैं। माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा देकर उनका व्यवहार आचरण तथा उनमें बड़ों के प्रति आदरभाव, शिष्टाचार लाया जायेगा क्योंकि बच्चे देश का भविष्य है।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री आज सर्किट हाउस मेरठ में पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा प्रदेश है और यहां के बच्चों का शिक्षा स्तर को ऊंचा करना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि आदेश जारी किया है कि सभी अध्यापक समय से स्कूल में पहुंचे और बच्चों की पढ़ाई लगातार करें, बच्चों को सामाजिक ज्ञान भी दें क्योंकि इसमें काफी गिरावट आयी है। उन्होंने कहा कि यह दुख की बात है कि राजकीय विद्यालयों का रिजल्ट का प्रतिशत मान्यता प्राप्त विद्यालयों से कम रहता है और मान्यता प्राप्त विद्यालयों के रिजल्ट का प्रतिशत गैर मान्यता प्राप्त से कम रहा है। उन्होंने कहा कि अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जो अध्यापक जितना पा रहा है उसको रिजल्ट का प्रतिशत भी उतना ही अच्छा देना होगा।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षकों के लिए कंट्रोल रूम बनाया जायेगा जहां शिकायत प्राप्त होने के एक सप्ताह के अन्दर हर दशा में उस शिकायत का निस्तारण किया जायेगा। उन्होनंे कहा कि अध्यापकों की कमी को शीघ्र दूर किया जायेगा। इसके लिये शीघ्र ही 7 हजार अध्यापकों का मैरिट के आधार पर चयन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि बच्चियों को शत प्रतिशत जूडो कराटे का प्रशिक्षण भी प्रदान कराया जायेगा।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि नकलविहीन परीक्षा इस बार सुनिश्चित की जायेगी। यदि किसी ऐसे काॅलिज में जहां परीक्षा केन्द्र होगा वहां यदि नकल की शिकायत प्राप्त हुई तो उस सम्बंधित अधिकारी के विरुद्ध कार्यवाही करगी जिसने विद्यालय को केन्द्र को बनाया है। उन्होंने कहा कि यूपी बोर्ड को शत प्रतिशत बेहतर बनाया जायेगा। उन्होनंे कहा कि पुस्कालयों में शीघ्र पुस्तकें उपलब्ध करा दी जायेंगी तथा शिक्षा की गुणवत्ता की जांच परख के लिये सप्ताह में 3 दिन अधिकारी मण्डल अथवा जिला स्तर पर भ्रमण कर स्कूलों का निरीक्षण करेंगे और इनकी निरीक्षण टिप्पणी स्कूलों में भी अंकित की जायेंगी। उन्होंने बताया कि आगामी दो माह के अन्दर राजकीय इन्टर काॅलेजों में अध्यापकों की कमी पूरी कर दी जायेगी।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड के तीन सदस्यों के विरुद्ध जांच कराकर शीघ्र कार्यवाही की जायेगी तथा उनपर महाभियोग भी चलाया जायेगा। विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों को जो सामान मेरठ में भेजा गया है उसका वितरण विगत दो वर्ष में न होने की वह जांच करायेंगे और दोषियों के विरुद्ध शीघ्र कार्यवाही भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जनपदों में अच्छी रैंक प्राप्त करने वाले बच्चों को वह शीघ्र लैपटाप प्रदान करेंगे और इसके लिये प्रत्येक जनपद में 844 लैपटाप भेजे जा रहे हैं जिनमें 442 बच्चियों के लिये और 442 बच्चों के लिये। उन्होंने बताया कि जिन विद्यालयों की बिल्डिंग खराब हो चुकी है उनका शीघ्र जीर्णोद्धार कराया जायेगा तथा ऐसे बहुत से स्कूल है जहां एक व्यक्ति ही प्रधानाचार्य है, अध्यापक है, बाबू है और चपरासी का काम भी वही करता है इसलिए ऐसे स्कूलों में शीघ्र बेहतर व्यवस्था रखी जायेगी। जिला विद्यालयों को राजकीय इंटर काॅलेजों से जोड़ा गया है ताकि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ सके और अध्यापकों की कमी दूर होने के बाद उन्हें पुनः उनके पदों पर भेज दिया जायेगा।
माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने सर्किट हाउस मेरठ में अधिकारियों की बैठक में कहा कि शासन के आदेशों का अक्षरसः पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि अधिकारीगण एक सप्ताह के अन्दर प्राप्त शिकायतों का भी निस्तारण सुनिश्चित करें तथा एक सप्ताह के अन्दर कन्या विद्या धन का वितरण न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह सप्ताह में 3 दिन हर दशा में स्कूलों का निरीक्षण करें और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिये सार्थक उपाय सुनिश्चित करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसे विद्यालयों को ही परीक्षा केन्द्र बनायें जहां नकल न हो सके। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 की बोर्ड की परीक्षाएं प्रत्येक दशा में नकल विहीन करायी जानी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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