प्रदेश के प्रमुख वन संरक्षक श्री जे0एस0 अस्थाना ने बताया कि वृक्षों के अवैध कटान पर प्रभावी नियंत्रण करने हेतु सभी वनाधिकारियों को निर्देश दिये गये है। उन्होंने कहा कि इस कार्य में संलिप्त विभागीय अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही करने के साथ-साथ संलिप्त लोगों के विरूद्ध भी मुकद्मा दर्ज कराके कार्यवाही करने के निर्देश दिये हंै।
श्री अस्थाना ने बाताया कि आरक्षित/संरक्षित वनों के अवैध कटान पर प्रभावी रोक लगाने की जिम्मेदारी जनपद स्तर पर प्रभागीय वनाधिकारी, तथा तहसील स्तर पर रेन्ज अधिकरी कार्यरत है। इसके अतिरिक्त वन विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी भी अवैध कटान पर रोक लगाने हेतु कार्य कर रहे है।
श्री अस्थाना ने बताया कि वर्ष 2013-14 में प्रदेश में 1914 अवैध कटान के प्रकरण प्रकाश में आये थे, जिसमें 4497 वृक्षों की कटान हुई थी जिसका कुल अनुमानित मूल्य 141.71 लाख रुपये था। इस कार्य में संलिप्त 1992 अभियुक्तों के विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम की विभिन्न धाराओं के अधीन कार्यवाही करते हुए 141.97 लाख रुपये का मुआवजा वसूल किया गया तथा 156.61 लाख मूल्य का प्रकाष्ठ जब्त किया गया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011-12 में 2837, वर्ष 2012-13 में 3509 तथा वर्ष 2013-14 में 1992 वृक्षों के अवैध कटान संलिप्त अभियुक्तों को गिरफ्तार करके कार्यवही की गई।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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