उत्तर प्रदेश में बिजली संकट दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है और विडम्बना यह है कि उ0प्र0 की सरकार, केन्द्र की सरकार पर और केन्द्र की सरकार, उ0प्र0 की सरकार पर दोषारोपण कर रही है। यह दोषारोपण निरर्थक है और जनता इस दोषारोपण के बीच पिस रही है।
उ0प्र0 कंाग्रेस कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी ने जारी बयान में कहा कि उ0प्र0 का यह दुर्भाग्य है कि वर्ष 1989 से आज तक किसी भी गैर कंाग्रेसी सरकार ने एक भी मेगावाट बिजली का उत्पादन अपने शासनकाल में नहीं बढ़ाया और न ही कोई प्रोजेक्ट लगाया, जिससे बिजली उत्पादन बढ़ता। उ0प्र0 सरकार से अपील है कि वह बिजली संकट को दूर करने के लिए आरोप-प्रत्यारोप छोड़कर कुछ ठोस योजनाएं बनाये, जिससे प्रदेश की जनता को राहत मिले।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि बिजली के संकट के कारण ही बजाज सहित अन्य आद्योगिक घराने अपनी यूनिटें लगाने से हिचक रहे हैं, जैसा कि अभी बजाज द्वारा किया गया है।
विद्युत कर्मचारियों द्वारा उपभोक्ताओं के साथ लगातार किये जा रहे खिलवाड़ से भी जनता में भारी रोष है। बिजली कर्मचारी मनमाना बिल और मनमाने ढंग से आचरण कर रहे हैं, जिस पर लगाम लगाना शासन का कर्तव्य है। इतना ही नहीं विद्युत वितरण में संलग्न कर्मचारी विद्युत नियामक आयोग के आदेशों का भी लगातार अवहेलना कर रहे हैं।
श्री त्रिपाठी ने कहा कि बिजली के वितरण में भी एकरूपता रहनी चाहिए। किसी भी जिले को खास दर्जा देकर 24 घंटे बिजली देना और दूसरे जिलों को 8 घंटे भी बिजली न देना, राज्य सरकार की गलत नीति है, जो कि हर लालत में अलोकतांत्रिक एवं निन्दनीय है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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