उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने समस्त मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुए सूखे की कार्य योजना के अनुसार किसानों को आवश्यक सुविधायें जनपद स्तर पर प्राथमिकता पर उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने कहा कि लो वोल्टेज से प्रभावित ट्यूबवेलों की कार्यक्षमता को बढ़ाने के समाधान हेतु सिंचाई एवं बिजली विभाग के अधिकारी संयुक्त रूप से कार्य योजना के तहत साप्ताहिक बैठक कर निरन्तर अनुश्रवण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि विगत दिनों बाढ़ से प्रभावित जनपदों में संक्रामक बीमारियों की रोकथाम हेतु आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ मेडिकल टीमें सम्बन्धित क्षेत्र में उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सामान्य वर्षा से कम वर्षा होने वाले जनपदों को चिन्हित कर सूखा ग्रस्त जनपद घोषित किये जाने हेतु सक्षम स्तर से तत्काल अनुमोदन प्राप्त किया जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में राज्य स्तरीय दैवीय आपदा राहत समिति बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में 50 प्रतिशत से वर्षा कम हुई है, उन जनपदों को चिन्हित करते हुए सूखाग्रस्त घोषित किये जाने हेतु आवश्यक कार्यवाही प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कहा कि घोषित होने वाले सूखाग्रस्त जनपदों में किसानों को आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु विभागवार योजना के तहत आवश्यक धनराशि भारत सरकार से प्राप्त करने हेतु मेमोरेण्डम तत्काल तैयार कर भारत सरकार को भेजा जाय। उन्होंने कहा कि संभावित सूखे को दृष्टिगत रखते हुए सम्बन्धित जनपदांे में राजस्व वसूली आगामी 31 मार्च, 2015 तक स्थगित रखी जाय।
बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री वी0एन0गर्ग, प्रमुख सचिव राजस्व श्री के0एस0अटोरिया, प्रमुख सचिव पंचायतीराज श्री चंचल कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव पशुपालन श्री अनंत कुमार सिंह सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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