भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता बिजली संकट से कराह रही है, पीडि़त जनता सडकों पर निकल कर प्रदर्शन कर रही है लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव राजनीति के नौसीखिए खिलाड़ी की तरह व्यवहार कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्र मोहन ने मुख्यालय में पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि केंद्र सरकार से लगातार थर्मल पावर, सोलर पावर के लिए योजनाएं प्रस्तावित की जा रही हैं लेकिन इनसे जनता को राहत दिलाने में मुख्यमंत्री कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल पिछले दिनों में तीन से चार बार मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने का समय मांग चुके हैं ताकि उन्हें योजनाओं के लिए प्रेरित किया जाए और संकट निपटारे का रास्ता ढूंढा जाए लेकिन मुख्यमंत्री ने उन्हें समय न देकर नकारात्मक राजनीति करने के साथ सामान्य शिष्टाचार का भी पालन नहीं कर रहे हैं जो बेहद खेद का विषय है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि इससे पहले जुलाई में संसद के भीतर केंद्रीय कपड़ा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने खुलासा किया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलने के लिए पत्र लिख कर दो बार समय मांगा, मगर उन्हें निराशा हाथ लगी। कपड़ा राज्य मंत्री ने संसद में जानकारी दी थी कि मुख्यमंत्री न तो मिलने का समय दे रहे हैं, और न ही खुद ही मिलने आ रहे हैं, इस वजह से राज्य की हथकरघा बुनकरों की समस्या पर बातचीत नहीं हो पा रही है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि इतना ही नहीं प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और रेप की घटनाओं के लगातार बढ़ते जाने के बावजूद मुख्यमंत्री इसे रोकने की पहल पर दिलचस्पी लेने की बजाय क्षुद्र राजनीति के रोग से पीडि़त दिखाई दे रहे हैं। महिला और बाल विकास मंत्री मेनका गांधी की ओर से दो माह पहले मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर निर्भया केंद्र के लिए जमीन उपलब्ध कराने की अपील की थी लेकिन इसपर अभी तक प्रदेश सरकार चुप्पी साधे हुए है। प्रदेश प्रवक्ता डा0 मोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री के इस उदासीन रवैये का खमियाजा प्रदेश की जनता भुगत रही है, सूबे में हाहाकार मचा है और राजनीति के कच्चे खिलाड़ी की तरह मुख्यमंत्री इनकी अनदेखी कर रहे हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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