उत्थान इंडिया फाउंडेशन के स्वयंसेवकों ने आनंद इंजीनियरिंग कालेजए कीठम के समीप रोशू गांव में एक स्मृति वाटिका विकसित करनेए पर्यावरण को सुरक्षित करने और प्राकृतिक नैसर्गिकता की अनुभूति कराने के मकसद से पौधारोपड़ का आयोजन किया। इस पौधारोपड़ कार्यक्रम में 251 पौधे लगाए गए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर वीण् केण् शर्मा ने स्वंयसेवकों को पौधारोपड़ के जीवनचक्र में महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि पेड़ प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने का सबसे सरल एवं प्रभावी तरीका बताया। पौधारोपड़ के बाद लगातार लगाए गए पौधे की देखभाल का संकल्प लेकर कम से कम एक साल तक पौधे को जीवित बनाए की जरूरत पर बल दिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं आर्य महासभा मथुरा के प्रधान श्री लक्ष्मण प्रसाद शर्मा ने प्रकृतिए मानव एवं जीव का संबंध और आपस में उनका संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता को समझाया। उनका कहना था कि प्रकृति ने पृथ्वीए वायु और जल के शुद्धिकरण की व्यवस्था बनाई थी। मानव ने आधुनिकता के चलते पहले सूअर को अपने दैनिक जीवन से अलग कर लियाए जैविक खादों के स्थान पर रासायनिक खादों पर निर्भरता बना ली। फिर जल शुद्धि के लिए बनी मछलियां एवं कछुए खा गए। वायु की शुद्धता के लिए गिद्धए चील आदि भी रासायनिक पदार्थों के जरिए नष्ट हो गए।
प्रोफेसर वीण् केण् गुप्ता ने पेड़ के आर्थिक फायदे को समझाते हुए बताया कि यदि एक पेड़ की औसत आयु पचास साल मानी जाए तो एक पेड़ अपने जीवनकाल में करीब एक करोड़ पांच लाख रुपये का फायदा समाज को देता है। श्री गुप्ता ने अपने संबोधन में काफी विस्तार से वर्गीकरण कर फायदों के मूल्यों को समझाया।
इस कार्यक्रम की सफलता का एक बढ़ा कारण यह भी रहा कि सभी स्वयंसेवकों ने इस तरह प्रतिवर्ष पौधारोपड़ कार्यक्रम करने का संकल्प लिया।
कार्यक्रम के अंत में सचिव श्री मनीष गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इंण् कपिल गुप्ताए इंण् केण् पीण् शुक्लाए इंण् वाईण् सीण् धोतेए इंण् भावना ठाकरेए इंण् सुमित पंचालए इंण् अमित सक्सैनाए समाजसेवी श्री शांति स्वरूप गुप्ता के साथ करीब सौ स्वयंसेवकों की सहभागिता से कार्यक्रम संपन्न हुआ।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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