समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में हो रहे उपचुनावो में भाजपा के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ खुलेआम “लवजेहाद“ के नाम पर अल्पसंख्यक समाज के खिलाफ नफरत फैलाने और कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने पर आमादा हैं। इंडिया टीवी पर गत 2 सितम्बर,2014 को श्री रजत शर्मा की “आपकी अदालत“ कार्यक्रम में योगी जी ने जिस तरह हिंसा की तरफदारी की उससे भारतीय संविधान का ख्ुाला उल्लंघन हुआ है। उन्होने अपने फासिस्ट चरित्र का प्रदर्शन करते हुए घमण्ड से अपने को कानून से ऊपर बताने की कोशिश की है। उनके कथन ने लोकतांत्रिक व्यवस्था को ही तहस-नहस कर दिया है।
योगीजी ने “आपकी अदालत“ में जिस खुले रूप में सांप्रदायिकता का जहर उगला है वह एक समुदाय को आतंकित करनेवाला हिंसा का खतरनाक आमंत्रण है। चुनाव आयोग को इस संदर्भ में स्वयं संज्ञान लेकर आदर्श आचार संहिता का पालन कराने की व्यवस्था करनी चाहिए। यदि योगीजी के खिलाफ तत्काल कार्यवाही नहीं हुई तो सामाजिक सौहार्द को भारी क्षति पहुॅचेगी और निष्पक्ष तथा स्वतंत्र चुनावो में भी बाधा आएगी।
समाजवादी पार्टी ने निर्वाचन आयोग को 30 अगस्त,2014 को पत्र लिखकर योगीजी के जहरीले बयानों की तरफ ध्यान आकर्षित किया था और उनकी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने की मांग की थी। योगी आदित्यनाथ की पूरी राजनीति सांप्रदायिकता आधारित रही है। अल्पसंख्यको को आतंकित रखने के लिए उन्होने अपनी अलग “आतंकी वाहिनी“ बना रखी है। वे समाज को विभाजित करने और उसमें भी सांप्रदायिक जहर फैलाने का काम कर रहे हैं।
विडम्बना है कि निर्वाचन आयोग सामाजिक ताना बाना तोड़ने की भाजपा और योगी आदित्यनाथ की हरकतों की अनदेखी कर रहा है। इसके विपरीत लोकसभा चुनावों में बिना उनका पक्ष सुने ही समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कैबिनेट मंत्री मो0 आजम खाॅ की चुनाव सभाओं पर रोक लगा दी गई थी। चुनावी आचार संहिता के विरूद्ध योगीजी के आचरण पर निर्वाचन आयोग चुप्पी साधे हुए है। यह मतदाताओं को मिलनेवाले स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनावों की गारंटी की उपेक्षा है।
समाजवादी पार्टी प्रदेश में सांप्रदायिक ताकतों को कतई बर्दाश्त करने के लिए तैयार नहीं है। श्री मुलायम सिंह यादव ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ी है और मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव भी उसी रास्ते पर चल कर सांप्रदायिकता के विरूद्ध संघर्ष कर रहे हैं। भाजपा ने पिछले दो वर्ष सें कई जनपदो में सांप्रदायिकता का जहर बोने की साजिशें की थी किन्तु मुख्यमंत्री जी की दृढ़ता से उनको मुंह की खानी पड़ गई। प्रदेश की समाजवादी सरकार कानून का राज बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। वह शांति तथा विकास के रास्ते में कोई अवरोध नहीं आने देगी। चुनाव आयोग को अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन करना चाहिए।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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