उत्तर प्रदेश के राज्यपाल, श्री राम नाईक ने आज भातखण्डे संगीत संस्थान समविश्वविद्यालय, लखनऊ द्वारा आयोजित भातखण्डे जयन्ती संगीत समारोह का दीप जलाकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर संस्थान की कुलपति, श्रीमती श्रुति सडोलिकर काटकर ने अपनी गायन प्रस्तुति दी तथा भातखण्डे कृति का प्रदर्शन संस्थान के छात्र-छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया।
राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि स्व0 विष्णु नारायण भातखण्डे ने जो संगीत का एक छोटा पौधा लखनऊ की तोपवाली कोठी में लगाया था, आज वह वटवृक्ष बनकर पूरे देश में संगीत के लिये विख्यात है। उन्होंने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि संगीत दिलों को वैसे ही जोड़ती है जैसे भाषा हमें आपस में जोड़कर रखती है। उन्होंने कहा कि भारतीय संगीत की यही विशेषता है, जिस पर हमें गर्व होना चाहिए।
श्री नाईक ने महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के बीच पुराना एवं अटूट रिश्ता बताते हुए कहा कि छत्रपति शिवा जी का राज्याभिषेक काशी के राजा ने कराया था, हिन्दी के प्रख्यात पत्रकार, स्व0 पराड़कर जी ने आज जैसे अखबार का सम्पादन किया तथा अन्य हिन्दी भाषियों ने महाराष्ट्र को अपनी कार्य स्थली बनाई।
राज्यपाल ने इस अवसर पर भातखण्डे संगीत संस्थान द्वारा प्रस्तुति की सराहना भी की।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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