Categorized | लखनऊ.

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा

Posted on 04 September 2014 by admin

समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि बसपा अध्यक्षा का राजनीतिक आचरण न तो लोकतांत्रिक है और नहीं वह संविधान के प्रति अपने को जवाबदेह मानती है। प्रदेश में सत्ता से बाहर होने से वह कुंठाग्रस्त हैं। इसी बौखलाहट में वह समाजवादी सरकार के विरूद्ध अनर्गल आरोप मढ़ती रहती है। यह उनकी आदत सी बन गई है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के संकट का बेसुरा राग अलापते हुए वे राष्ट्रपति षासन की मांग को लेकर जब तब राजभवन के गेट पर जाकर खड़ी हो जाती है।
कायदे से बसपा अध्यक्षा को अब उत्तर प्रदेश की चिन्ता छोड़ देनी चाहिए क्योंकि वे दिन हवा हुए जब उनकी मर्जी के बगैर पार्टी और सरकार में पत्ता भी नहीं हिलता था। यहां कानून का राज है और प्रदेश विकास के रास्ते पर है। श्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में प्रदेश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। यहां सामाजिक सद्भाव और आपसी भाईचारा कायम है।
बसपा अध्यक्षा ने अपनी राजनीतिक सत्तालिप्सा के चलते बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के मिशन को भी दिशा भ्रष्ट कर दिया है। डा0 अंबेडकर और समाजवादी नेता डा0 राम मनोहर लोहिया का सामाजिक न्याय के प्रति समान विचार था। उसी रास्ते पर चलकर श्री मुलायम सिंह यादव दलितों, गरीबों, पिछड़ों और वंचितों के हितों के लिए संघर्ष करते रहे हैं। बाबा साहेब के सिद्धांतों को दरकिनार कर बसपा अध्यक्षा सुश्री मायावती ने सिर्फ सत्तालिप्सा के कारण दलित विरोधी विचारधारा को अपना लिया है।
बसपा ने सोशल इंजीनियरिंग के नाम पर दलितों को धोखा देने का काम किया है। उसके एजेण्डा में दलित वोट बैंक से  ज्यादा कुछ नहीं, जिनका सौदा करना ही उनका एकमेव मिशन है। दलित महापुरूषों के नाम का दुरूपयोग करते हुए बसपाराज में सिर्फ धन उगाही का ही खेल हुआ था। दलित की बेटी जब मुख्यमंत्री बनी तो उनके बंगले तक दलितों की आवाजाही पर रोक लग गई थी।
यह तो जगजाहिर है कि दलित उत्पीड़न और महिलाओं से बलात्कार की रिकार्ड घटनाएं बसपाराज में ही हुई थी। बसपा मुख्यमंत्री ने कभी किसी दलित पीडि़त के आंसू नहीं पोछे। पूरे पांच साल के अपने शासनकाल में वे ऐसे पांच दलितों के नाम भी नहीं बता सकती है जिनसे वह मिली हों। उनका जन्मदिन जबरन वसूली के लिए कुख्यात रहा है। पार्को, स्मारकों और अपनी प्रतिमाओं पर उन्होने सरकारी खजाना लुटाने और  कमीशनखोरी में संकोच नहीं किया।
प्रदेश का दलित समाज भी भली भांति समझ गया है कि उसे बसपा राज में सिर्फ धोखा ही मिला था। जनता ने मायाराज से त्रस्त होकर ही बसपा को सत्ता के बाहर का रास्ता दिखाया था। बसपा अध्यक्षा को समझ लेना चाहिए कि जनता और खासकर दलित समाज उनके खोखले बयानों से गुमराह होनेवाला नहीं है। अब उसने समाजवादी पार्टी के साथ रहने का इरादा कर लिया है जो वास्तव में सामाजिक न्याय और सामाजिक सद्भाव की लड़ाई लड़ती आई है। समाजवादी पार्टी के साथ दलितों का वैचारिक और नैसर्गिक रिश्ता है ऐसी स्थिति में दलित समाज बसपा अध्यक्षा के किसी भी झांसे में अब और आने वाला नहीं है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री

agnihotri1966@gmail.com

sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in