भारतीय जनता पार्टी के सांसदों ने आज माननीय राज्यपाल से भेंटकर अखिलेश सरकार के राज में व्याप्त बिजली संकट, खराब कानून व्यवस्था किसानों की समस्याओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न के बारें में उन्हें विस्तार पूर्वक बताते हुए जनसमस्याओं को लेकर अपनी मांगों के सर्मथन में माननीय राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा। जी0पी0ओ0 स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष धरना देने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री रामशंकर कठेरिया एवं प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा सांसदों ने माननीय राज्यपाल से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा। पार्टी के प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल सहित अन्य सांसदों ने माननीय राज्यपाल से भेंट करने वालो में सम्मिलित रहें।
पार्टी की राज्य ईकाई के प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने बताया कि माननीय राज्यपाल को सौंपे गये ज्ञापन में राज्य में व्याप्त बिजली संकट का जिक्र करते हुए कहा गया है कि जबसे केन्द्र में नई सरकार निर्वाचित हुई है बिजली का घोर संकट प्रदेश में सपा सरकार के योजनाबद्ध प्रयास से व्याप्त हो गया है। जनता त्राहि-त्राहि कर रही है और यह संकट तब जब भारत सरकार माँग पर सस्ती बिजली की आपूर्ति करने को तैयार है। लेकिन प्रदेश सरकार न तो बिजली लेना चाह रही है और न ही ली गई बिजली का भुगतान करने को तैयार है। जबकि दूसरी ओर बजाज और रिलायन्स से 8, 9 रूपए प्रति यूनिट बिजली लेने में कोई कठिनाई अखिलेश सरकार को नहीं है। बिजली महंगी होने के नाम पर झँझर हरियाणा से उ0प्र0 सरकार ने बिजली भारत सरकार से नहीं ली, जबकि उसी बिजली को झारखण्ड ने आपूर्ति कर ली। प्रदेश में जनता बिजली की अनुपलब्धता के कारण सड़क पर उतरती है तो लाठी, मुकदमें और पुलिसिया तांडव का शिकार होती है।
श्री पाठक ने बताया राज्य की बदतर होती कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए ज्ञापन में कहा गया है कि उ0प्र0 में कानून का राज नाम की कहीं भी अनुभूति नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री ने स्वयं विधान परिषद में स्वीकार किया है कि 01.01.2013 से 31.12.2013 के मध्य बलात्कारों की घटना में विगत वर्ष की तुलना का 49.54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 01.01.2014 से 31.03.2014 तक 30 प्रतिशत बलात्कार बढ़े हैं। देश के कुल अपराध का 12.9 प्रतिश उ0प्र0 में हो रहे हैं। उ0प्र0 में महिलाओं के प्रति अपराध के सत्र 2013 में 32546 मामले दर्ज हुए जो कि देश के कुल अपराध का 10.51 प्रतिशत है। साम्प्रदायिक उन्माद की घटनाओं की दृष्टि से यदि विचार करें तो 105 बड़े दंगे कराने का रिकार्ड भी उ0प्र0 सरकार के नाम है। इस संबंध में उल्लेखनीय बिन्दु है कि उ0प्र0 में घटी 105 साम्प्रदायिक उत्पीड़न के कारण उन्माद की घटनाओं में 71 घटनाएं बहन, बेटी और बहू के ऊपर घटी है। श्री पाठक ने बताया कि माननीय राज्यपाल को सौंपे गये ज्ञापन में किसानों की समस्याओं को विस्तार पूर्वक बताया गया। ज्ञापन में किसानों की समस्याओं को जिक्र करते हुए कहा गया है कि हाईकोर्ट के तीन बार आदेश और केन्द्र सरकार के बार-बार आग्रह के बावजूद गन्ना किसानों का भुगतान उ0प्र0 सरकार नहीं कर रही है। किसान पूरी तरीके से आर्थिक संकट से ग्रस्त हो गया है।
केन्द्र सरकार ने कहा था कि सूखाग्रस्त जनपदों के किसानों को सिंचाई के लिए लगने वाले अतिरिक्त डीजल तथा बीज पर 50 प्रतिषत सब्सिडी भारत सरकार देगी। लेकिन आज तक, अभी भी उ0प्र0 सरकार ने सूखाग्रस्त जनपदों और बाढ़ ग्रस्त जनपदों को चिन्हित कर घोषित नहीं कर पायी है, जिसके कारण भारत सरकार से किसानों को मिलने वाले अनुदान नहीं मिल पा रहा है। और न ही उ0प्र0 सरकार पीडि़त किसानों के देयों को माफ करने की घोषणा कर रही है। सिंचाई के लिए नहरों में टेल तक पानी नहीं मिल पा रहा है। ट्यूबेल चल सके इसके लिए बिजली उपलब्ध नहीं है। खाद, बीज की भयंकर कालाबाजारी में सरकार और उसके लोग संलिप्त हैं, किसान पूरी तरीके से त्राहि-त्राहि कर रहा है। सूखा ग्रस्त जनपद की नहीं सम्पूर्ण उ0प्र0 विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी पेय जल का भयंकर संकट व्याप्त है। पशुओं के लिए पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। यह सरकार आंखे बन्द कर, कानों में तेल डाले बैठी है।
प्रदेश में लोकसभा चुनावों के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न की बढ़ती समस्याओं पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा गया कि जन समस्याओं को लेकर यदि भाजपा के कार्यकर्ता सभी स्तरों के निर्वाचित जन प्रतिनिधि जनता को साथ लेकर संबंधित विभागों के समक्ष या जिलाधिकारी, आयुक्त के समक्ष लोकतांत्रित तरीके से समस्या को लेकर जाते हैं तो इन अधिकारियों के दुःसाहस की सीमा यह हो गई है कि सांसद, विधायक और जनता को सुनना पसन्द नहीं करते तथा उनसे ज्ञापन लेने में असम्मान महसूस होता है तथा लाठी और फर्जी मुकदमें लाद कर कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न करते हैं और आलोकतांत्रिक तरीके से संघर्ष बन्द हो जाय इसका प्रयास करते है। कानून का राज स्थापित करने के लिए प्रदेष के अपराध को ठीक करने में पुलिस की अनुपलब्धता का सरकार बहाना बनाती है, लेकिन जन आन्दोलनों को कुचलने के लिए पता नहीं कहाँ से पुलिस बल उपलब्ध हो जाता है। उदाहरण के तौर पर कांठ, आगरा, फिरोजाबाद, अम्बेडकरनगर, फैजाबाद की घटनाएं हमारे उपरोक्त कथन को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त हैं।
ज्ञापन में माननीय राज्यपाल से जनता को न्याय और संवैधानिक दृष्टि से हस्तक्षेप करने का आग्रह करते हुए मांग की गई कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र एवं शहरी क्षेत्रों में 20 घंटे बिजली सुनिश्चित करायी जाय। किसान गन्ना मूल्य का भुगतान सुनिश्चित कराया जाये। गन्ना मिलों के चलने की तारीख सुनिश्चित की जाये। प्रदेश के बाढ़ग्रस्त क्षेत्र एवं सूखा पीडि़त जिलों की तत्काल घोषणा की जाय। सरकार प्रदेश में कानून व्यवस्था तुरन्त सुनिश्चित करे। विद्यालय महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय में सीट बढ़ाकर विद्यार्थियों का प्रवेश सुनिश्चित कराया जाये। छात्र संघो का चुनाव सुनिश्चित कराया जाये।
राज्यपाल से भेंट करने वाले प्रतिनिधिमण्डल में राष्ट्रीय महामंत्री प्रो0 रामशंकर कठेरिया, प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी, प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल सहित पार्टी सांसदो में राजवीर सिंह, साध्वी निरंजन ज्योति, लल्लू सिंह, ब्रजभूषण शरण सिंह, राजेन्द्र अग्रवाल, डाॅ0 यशवंत सिंह, कुँ0 सर्वेश सिंह, सत्यपाल सैनी, डाॅ0 भोला सिंह, सतीश गौतम, राजेश दिवाकर,, चैधरी बाबूलाल, धर्मेन्द्र कुमार कश्यप, श्रीमती कृष्णा राज, अजय मिश्र टेनी, राजेश वर्मा, अशंुल वर्मा, श्रीमती अंजू बाला, कौशल किशोर, मुकेश राजपूत, अशोक दोहरे, देवेन्द्र सिंह भोले, भानु प्रताप वर्मा, पुष्पेन्द्र सिंह चन्देल, भैंरो प्रसाद मिश्र, कैशव मौर्या, श्यामा चरण गुप्त, हरिओम पाण्डेय, सावित्री बाई फुले, दद्न मिश्र, कीर्तिवर्धन सिंह, जगदंबिका पाल, शरद त्रिपाठी, पंकज चैधरी, राजेश पाण्डेय, हरि नारायण राजभर, रविन्द्र कुशवाहा, भरत सिंह, राम चरित्र निषाद, महेन्द्र नाथ पाण्डेय, छोटे लाल खरवार, श्रीमती कुसुम राय, कमलेश पासवान, श्रीमती रेखा वर्मा सम्मिलित रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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