राज्य सरकार ने पशुपालन क्षेत्र में उद्यमिता को प्रोत्साहित करते हुए कुक्कुट पालन के लिए कामर्शियल लेयर्स एवं ब्रायलर पैरेन्ट फार्म खोले जाने की व्यवस्था की है इसकी मानीटरिंग, प्रचार-प्रसार, प्रशिक्षण इत्यादि स्टेट पोल्ट्री डेवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से कराये जाने की पंचवर्षीय योजना विषयक नीति पशुपालन विभाग द्वारा बनायी गयी है, जिसमें उक्त नीति के तहत यह प्रावधान किया गया है कि कुक्कुट पालन की इकाइयों को प्रारम्भिक 10 वर्षों तक उनके द्वारा उपयोग की गयी वास्तविक विद्युत पर शुल्क देय नहीं होगा।
पशुधन विकास विभाग से प्राप्त सूचना के अनुसार ऊर्जा विभाग ने 30 हजार पक्षियों की क्षमता वाली कामर्शियल लेयर्स फार्म तथा 10 हजार पक्षियों की ब्रायलर पैरेन्ट फार्म की यूनिट के लिए प्रारम्भिक 10 वर्षों तक उनके द्वारा उपयोग की गयी वास्तविक विद्युत पर छूट तभी अनुमन्य होगी जब पशुपालन निदेशालय द्वारा इकाई के छूट हेतु पात्र होने का प्रमाण पत्र निर्गत किया जायेगा। उक्त प्रमाण पत्र के आधार पर जिला पशुधन अधिकारी, अधिशासी अभियन्ता विद्युत संबंधित विद्युत वितरण खण्ड एवं संबंधित क्षेत्र के उप निदेशक, विद्युत सुरक्षा की संयुक्त टीम द्वारा स्थलीय निरीक्षण करके संतुष्टि प्रमाण पत्र निर्गत किया जायेगा। छूट अनुमन्य होने पर छूट का दुरूपयोग न हो, इस आशय से विद्युत सुरक्षा निदेशालय के संबंधित जोनल अधिकारी द्वारा प्रतिवर्ष नियमित रूप से निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जायेगा कि छूट का प्रयोग उसी मद में किया जा रहा है, जिस मद के लिए यह विद्युत छूट अनुमन्य की गयी है। इस आशय की अधिसूचना तथा शासनादेश भी प्रमुख सचिव विद्युत उ0प्र0 शासन द्वारा पूर्व में जारी किया जा चुका है।
विद्युत शुल्क में छूट से कुक्कुट पालन व्यवसाय को बढ़ावा मिला है। उद्यमी तथा व्यवसायी कामर्शियल लेयर्स फार्म तथा ब्रायलर लेयर्स की स्थापना के लिए काफी हद तक उत्साहित है। कुक्कुट पालन, अण्डा, चूजा उत्पादन, कुक्कुट माॅस उत्पादन तथा व्यवसाय एवं निर्यात में उत्साहजनक वृद्धि हो रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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