गुणवत्ता नियंत्रण एवं हाईजीन संबंधी जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों के निर्माण में लगे व्यक्तियों जैसे ढाबा रेस्टोरेंन्ट, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में कार्यरत कुशल/अकुशल श्रमिकों को प्रशिक्षण दिलाया जाता है। इस प्रशिक्षण केे दौरान श्रमिकों को मुख्य रूप से गुड हैण्ड प्रैक्टिसेज़ (जी0एच0पी0), गुड मैन्युफैक्चरिंग पैक्टिसेज़ (जी0एम0पी0) हेैज़र्ड एनालिसिस एण्ड क्रिटिकल कन्ट्रोल प्वाइन्ट (एच0ए0सी0सी0सी0), पर्सनल हाईजीन, सेनीटेशन तथा खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता नियंत्रण से भली-भांति अवगत कराया जाता है।
यह प्रशिक्षण चिकित्सकों एवं खाद्य प्रसंस्करण के विशेषज्ञ द्वारा श्रमिकों को स्वच्छ एवं गुणवत्तायुक्त खाद्य पदार्थों को तैयार किये जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रतिवर्ष दिलाया जा रहा है।
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में इस प्रशिक्षण के लिए 11.63 लाख रुपये की धनराशि प्रस्तावित की है। वर्ष 2013-14 में 11.63 लाख रुपये के सापेक्ष 11.61 लाख रुपये व्यय कर 89 कार्यक्रम संचालित कर 4626 लोगों को प्रशिक्षण किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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