उत्तर प्रदेश में सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में से भूमि सुधार योजना मुख्य है एवं जिसका प्राथमिकता के आधार पर क्रियान्वयन किया जाना है। वर्ष 2012-13 एवं वर्ष 2013-14 में 82,938 हेक्टेयर समस्या ग्रस्त, ऊसर, बीहड़, बंजर भूमिका सुधार किया गया है। वर्तमान वर्ष 2014-15 में भूमि सुधार योजना से 59,105 हेक्टेयर भूमि का सुधार करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके सापेक्ष जुलाई 2014 तक 2,453 हेक्टेयर समस्या ग्रस्त भूमि का सुधार किया जा चुका है। भूमि सुधार योजना की उपयोगिता देखते हुए यह पुनः बारहवीं पचवर्षीय योजना के अवशेष के रूप में वर्ष 2013-14 से 2016-17 तक के लिए संचालित की गई है।
कृषि निदेशालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषकों को दी जाने वाली सुविधाओं में ऊसर सुधार हेतु जिप्सम के प्रयोग पर 90 प्रतिशत अधिकतम रुपये 13500.00 प्रति हे0 का अनुदान दिया जा रहा है। हरी खाद उत्पदान हेतु ढ़ैंचा पर 90 प्रतिशत अधिकतम रु0 2250.00 प्रति हे0 का अनुदान देय है इसी प्रकार फसलोत्पादन हेतु कृषि निवेश पर 50 प्रतिशत अधिकतम रु0 2500 प्रति हे0 का अनुदान उपलब्ध है। बीहड़/बंजर सुधार (कृषि एवं अकृष्य क्षेत्र का उपचार) के लिए फसालोत्पादान हेतु कृषि निवेश पर 50 प्रतिशत अधिकतम रु0 2500 प्रति हे0 का अनुदान देय है तथा कृषि वानिकी, उद्यानीकरण हेतु सुरक्षा खाईगड्डों की खुदाई पर अधिकतम रु0 10000.00 प्रति का अनुदान है। कृषि वानिकी/उद्यानीकरण हेतु पौध/बीज की व्यवस्था पर अधिकतम रु0 3000.00 प्रति का अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।
भूमि सेना योजना के मुख्य उद्देश्यों में योजनान्तर्गत लघु एवं सिमान्त कृषकों की अनपजाऊ/कम उपजाऊ भूमि को उन्हीं के द्वारा उन्हीं के लिए उन्हीं से सुधार किया जाता है। परियोजना क्षेत्र में उपलब्ध ऊसर, बीहड़ एवं बंजर तथा ग्रामसभा की भूमि को, भूमिहीन खेतिहर मजदूरों को, राजस्व विभाग के सहयोग से आवंटित कराकर अथवा पहले से आवंटित भूमि को खेती योग्य बनाया जाता है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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