कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान में भौतिकी विभाग के तत्वाधान में संस्थान परिसर में दिनांक 30 अगस्त 2014 दिन शनिवार को मुख्य तथा सृष्टि के बीच सम्बन्धों को परिभाषित करने वाले एक व्याख्यान का आयोजन किया गया है। भौतिकी विभाागाध्यक्ष डा0 एस0के0 श्रीवास्त्व ने बताया कि इसके अन्तर्गत अमेरिका के प्रख्खात वैज्ञानिक प्रो0 ग्रेम ब्राडेन के विख्यसत ब्याख्यान का प्रसारण किया जायेगा। यह व्याख्यान स्पष्ट रूप से व्याख्या करता है कि विख्यता वैज्ञानिक अलबर्ट आइन्सटीन ने मनुष्य की शक्तियों को समझने में कहां भूल की और मनुष्य को मात्र इस सृष्टी का प्रेक्षक मान लिया। आज विज्ञान इस निष्कर्ष पर पहुंच चुका है कि मानव मात्र प्रेक्षक ने अपितु उसकी चेतना ही रचइता है। ये व्याख्या ब्रम्हाण का अनन्त विस्तार मानव की शोध का ही परिणाम है। यह व्याख्यान बताता है कि किस प्रकार मनुष्य की भावना उसके डीएनए को बदल देती है, और यह डीएनए इस सृष्टी को यह बताता है कि किस प्रकार हम वर्तमान में परिवर्तन करके न मात्र भविष्य अपितु अपने भूतकाल को भी परिवर्तित कर सकते है। जो पूर्व में ही घटित हो चुका है। यह भी जानना रोचक है कि आज जो सोध व निष्कर्ष विज्ञान निकाल रहा है वह पूर्ण में ही हमारे अध्यात्म तथा दर्शन में मौजूद है।
प्राचार्य डाॅ0 ए0के0 श्रीवास्तव द्वारा सभी अध्यापकगण तथा प्रबुद्धजनों को इसमे आमन्त्रित किये गये, आयोजनों में लोगों को सम्बोधित किया गया।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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