राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड द्वारा पोषित कार्यक्रम के अंतर्गत तालाबों जलाशयों एवं झीलों को विकसित करके अधिक से अधिक मत्स्य उत्पादन के लिये मत्स्य पालकों को जल संसाधनों के सुधार एवं मत्स्य उत्पादन निवेशों हेतु क्रमशः 75,000 रुपये एवं 50,000 रुपये प्रति हे0 की दर से संस्थागत वित्त की व्यवस्था के साथ 20 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।
यह जानकारी प्रदेश के मत्स्य विकास मंत्री श्री इकबाल महमूद ने दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत मत्स्य पालकों को नवीन मत्स्य तकनीकों पर आधारित प्रशिक्षण सुविधा भी प्रदत्त की जायेगी।
मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि इस योजना के अंतर्गत 90 प्रतिशत बोर्ड द्वारा एवं 10 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषण किया जाता है। राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड द्वारा संचालित जलाशय मात्स्यकीय योजना के अन्तर्गत 100 मिमी0 आकार से बड़ी अंगुलिकाओं का संचय लघु जलाशय एक हजार प्रति हे0 वृह्द जलाशय पाँच सौ प्रति हे0 तथा सौ मिमी0 आकार की अंगुलिकाओं का निरंतर 4 वर्ष तक मध्याकार जलाशयों में संचय हेतु एक रुपये प्रति अंगुलिका मछली बीज की दर से पालन किया जायेगा।
मत्स्य विकास मंत्री ने बताया कि उक्त योजना के अंतर्गत 05 दिवसीय प्रशिक्षण मत्स्य पालकों को दिया जायेगा। मत्स्य बाजार विकास योजना के अन्तर्गत थोक मछली बाजारों के आधुनिकीकरण तथा निर्माण हेतु इकाई लागत 2.50 करोड़ रुपये तीन एकड़ क्षेत्रफल में 50 दुकानांे का निर्माण कराने की व्यवस्था की गयी है। राष्ट्रीय फिशरीज डेवलपमेंट बोर्ड (एन0एफ0डी0बी0) का 90 प्रतिशत अंश एवं 10 प्रतिशत अंश राज्य सरकार द्वारा सहायता दी जायेगी।
श्री इकबाल महमूद ने बताया कि नये फुटकर मछली बाजार दुकानों के निर्माण हेतु 50 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये लागत की बड़ी मछली फुटकर बाजार एक एकड़ भूमि क्षेत्रफल में 20 दुकानों के निर्माण तथा 50 लाख रुपये लागत की छोटी फुटकर दुकान आधे एकड़ में दस दुकानों के निर्माण में 90 प्रतिशत एन0एफ0डी0बी0 अंश एवं 10 प्रतिशत राज्यांश आर्थिक सहायता के रूप में प्रदत्त की जाती है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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