प्रदेश भर में जहाँ पर भी 25 लाख रुपये मूल्य से अधिक के निजी तथा सरकारी भवनों का निर्माण हो रहा हो, उन्हें चिन्हित कर सेस वसूला जाय। इस कार्य में लापरवाही पाये जाने पर उप/सहायक श्रमायुक्तों को उत्तरदायी माना जायेगा।
यह निर्देश आज प्रमुख सचिव, श्रम श्री शैलेश कृष्ण ने बापू भवन सभागार में आयोजित श्रम विभाग की समीक्षा बैठक में दिये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में हाइवे, ब्रिज, बड़े-बड़े अपार्टमेंट, स्टेडियम, स्कूल आदि बन रहे हैं, जिनसे सेस वसूला जाना श्रम विभाग के अधिकारियों का दायित्व है। उन्होंने विगत जुलाई में कई जनपदों में लक्ष्य से काफी कम सेस की वसूली पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। प्रमुख सचिव ने कहा कि शासन द्वारा प्रत्येक जनपद में श्रमिकों के बायोमैट्रिक फिंगरप्रिन्ट लिये जाने के लिए बायोमैट्रिक मशीन तथा उसके साथ एक कम्प्यूटर भी दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के पंजीयन में यदि कहीं फर्जी व्यक्ति पंजीकृत पाया गया तो उसके लिए उपश्रमायुक्तों को उत्तरदायी माना जायेगा। यह अच्छी तरह परख लिया जाय कि योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति को ही मिले। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के बच्चे किसी ट्रेड में प्रशिक्षण लेने को इच्छुक हों तो उनकी सूची कौशल विकास मिशन को भेजी जाय।
बैठक में जानकारी दी गई कि जुलाई माह में पूरे प्रदेश में 58357 नये श्रमिकों का पंजीयन किया गया तथा जुलाई माह में विभिन्न हितकारी योजनाओं में श्रमिकों को 3.26 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय कर लाभान्वित किया गया।
जुलाई माह में 1800 अधिष्ठानों का पंजीयन किया गया। सेस के रूप में 47.25 करोड़ रुपये की धनराशि सरकारी खजाने में जमा कराई गई।
बैठक में श्रमायुक्त सुश्री शालिनी प्रसाद, विशेष सचिव, श्री रूद्र कुमार गुप्ता, सुश्री अलका टण्डन सहित समस्त उप श्रमायुक्त, सहायक श्रमायुक्त तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com