प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के मद्देनजर प्रदेश के परिवहन आयुक्त श्री के0रविन्द्र नायक ने सभी जिलाधिकारियों को जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि सभी जिलाधिकारी समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं का विश्लेषण करते हुए उनकी रोकथाम हेतु यथा आवश्यक कार्य योजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करायें। इसके अलावा भविष्य में यदि कोई दुर्घटना होती है तो संबंधित के विरूद्ध अपने स्तर से निर्णय लेते हुए आपराधिक दायित्व का निर्धारण भी सुनिश्चित करें।
परिवहन आयुक्त ने जिलाधिकारियों को भेजे गये निर्देश में पुलिस यातायात निदेशालय के इस वर्ष जनवरी से मार्च तक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा है कि 704 दुर्घटनाएं चैराहों के निकट तथा 442 दुर्घटनायें यू-टर्न करते समय हुई हैं। इसी प्रकार 1069 दुर्घटनाओं का कारण स्पीड ब्रेकर्स रहे हैं। स्कूल/कालेजों के सामने 410 दुर्घटनायें घटित हुई हैं, इसमें 143 लोगों की मृत्यु हुई है जिसमें अधिकांशतः 21 से 24 वर्ष तक की आयु वर्ग के लोग शामिल हैं।
उन्होंने कहा है कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति गठित है, जिसका दायित्व है कि जनपद स्तर पर होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रेाकने एवं प्रभावित व्यक्तियों को विभिन्न स्रोतों से मिलने वाली सहायता राशि की समीक्षा करें, किन्तु अधिकांश जनपदों में समिति की बैठकें समय से नहीं हो रही हैं। उन्हांेने इस बात पर भी दुःख व्यक्त किया है कि स्कूल प्रबन्धन से बात कर स्कूलों के आस-पास सुरक्षात्मक उपाय किये जाने के निर्देश दिये जाने के बाद भी केवल 25 जनपदों में ही अभी तक यह बैठक हो पायी है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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