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विद्यालय व मीडिया का संयुक्त प्रयास समाज में रचनात्मक बदलाव ला सकता है — देश-विदेश के प्रतिभागियों की आम राय

Posted on 23 August 2014 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में ‘हिंसा से नारी मुक्ति’ विषय पर सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन में आज देश-विदेश से पधारे पत्रकारों, विशेषज्ञों, मनोवैज्ञानिकों, न्यायविद्ों व विद्वजनों ने अपने सारगर्भित विचारों से सामाजिक जागरूकता की अनूठी मिसाल प्रस्तुत करते हुए एक स्वर से कहा कि विद्यालय व मीडिया का संयुक्त प्रयास समाज में रचनात्मक बदलाव ला सकता है। इन विद्वजनों का कहना था कि महिलाओं व बालिकाओं को समाज में उनका उचित स्थान व मान-सम्मान दिलाकर ही आदर्श समाज की स्थापना की जा सकती है। उन्होंने जनमानस से अपील की कि आदर्श समाज के निमार्ण एवं भावी पीढ़ी के सुन्दर व सुरक्षित भविष्य के लिए परिवार, विद्यालय व मीडिया अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझें और निभाएं। महिलाओं व बालिकाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसावृत्ति पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रतिभागियों ने कहा कि इस ज्वलन्त प्रश्न पर मीडिया को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के अनुरूप जन-मानस को प्रेरित करना होगा तो वहीं दूसरी ओर परिवार, विद्यालय व समाज को अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के अनुरूप भावी पीढ़ी में संस्कारों व जीवन मूल्यों का विकास करना होगा। अपनी तरह के इस अनूठे सम्मेलन में देश-विदेश की प्रख्यात हस्तियों एवं प्रेस व मीडिया से जुड़े मूर्धन्य विद्वानों ने अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराकर महिला सशक्तिकरण का जोरदार उद्घोष किया।
इससे पहले, दीप प्रज्वलन समारोह के साथ अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन का विधिवत उद्घाटन किया। इस अवसर पर महिला व बाल कल्याण एवं स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री, श्री अहमद हसन, पिछड़ा वर्ग एवं विकलांग कल्याण मंत्री श्री अम्बिका चैधरी, श्री प्रभु चावला, एडीटर-इन-चीफ, न्यू इण्डियन एक्सप्रेस, नई दिल्ली एवं सुश्री सुभाषिनी अली, प्रेसीडेन्ट, आल इण्डिया डेमोक्रेटिक वोमेन्स एसोसिएशन, नई दिल्ली आदि अन्य प्रख्यात हस्तियों ने दीप प्रज्वलित कर महिलाओं व बालिकाओं के कल्याण का अलख जगाया। इस अवसर पर श्री वी एन गर्ग, प्रमुख सचिव एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू व समाजसेवी श्रीमती अपर्णा यादव समेत कई अन्य गणमान्य हस्तियाँ उपस्थित थी। इस अवसर पर देश-विदेश से पधारे विद्वजनों का हार्दिक स्वागत व अभिनंदन करते हुए सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट व चीफ आॅपरेटिंग आॅफीसर प्रो. गीता गाँधी किंगडन ने सम्मेलन के उद्देश्यों पर विस्तृत विचार रखे। अपने संबोधन में डा. गीता गाँधी किंगडन ने कहा कि वर्तमान विश्व समाज में औरतों के खिलाफ न सिर्फ शारीरिक अत्याचार अपितु मानसिक, सामाजिक तथा शिक्षा में भी भेदभाव किया जाता है। सी.एम.एस. के तत्वावधान में इस सम्मेलन का आयोजन इसलिए किया जा रहा है जिससे हम लोकतन्त्र के चैथे स्तम्भ मीडिया को इस समस्या के समाधान में मदद कर सकें तथा हम स्वयं अपने आप को एक शिक्षक के रूप में अधिक जागरूक कर सकें और क्लासरूम में छात्र-छात्रों के बीच समानता का भाव बढ़ा सकें।
इस अवसर पर अपने उद्बोधन में श्री अहमद हसन, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री, उ.प्र., ने कहा कि देश की आधी आबादी महिलाओं की है जिन्हें समाज के विकास से जोड़ना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं की सुरक्षा व विकास के लिए काफी कुछ कर रही है एवं आगे भी करती रहेगी। श्री अम्बिका चैधरी, पिछड़ा वर्ग एवं विकलांग कल्याण मंत्री, उ.प्र., ने कहा कि लड़कियों के गर्भ में आते ही उन पर अत्याचार शुरू हो जाता है। अब हमें आॅनर किलिंग, दहेज हत्या, बलात्कार इत्यादि को रोकने हेतु गंभीरता से सोचना होगा। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में सरकार को कड़े कानून बनाना चाहिए और उन्हें सख्ती से उन्हें लागू करना चाहिए तथा मीडिया को उसे सही प्रकार से प्रचारित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि औरतों को भी अत्याचार के खिलाफ डटकर खड़ा होना पड़ेगा। श्री प्रभु चावला, एडीटर-इन-चीफ, न्यू इण्डियन एक्सप्रेस, नई दिल्ली ने कहा कि यह बड़ा गंभीर विषय है कि जन्मदात्री जननी को ही अपने पुत्र से सुरक्षा की आवश्यकता पड़ती है। महिलाएं घर एवं परिवार, समाज तथा देश को बाँधकर रखती हैं परन्तु समाज में महिलाओं की इस गंभीर स्थिति के लिए तीन ‘पी’ - पालिटिक्स, प्रेस और पुलिस जिम्मेदार है। अपनी बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि प्रेस वास्तविक मुद्दे को नजरअंदाज कर बिकाउ खबरें दिखाता है जबकि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी कम है और तीसरे महिलओं पर अत्याचार के खिलाफ सजा देने के लिए पुलिस का रवैया असहयोगात्मक रहता है। अतः महिलाओं को कानून बनाने तथा उसे लागू कराने में अधिक से अधिक भागीदारी देनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि औरतों को लालबत्ती और बंदूक दे दो क्योंकि देशों को विनाश से महिलाएं ही बचा सकती हैं। सुश्री सुभाषिनी अली, प्रेसीडेन्ट, आल इण्डिया डेमोक्रेटिक वोमेन्स एसोसिएशन, नई दिल्ली ने श्री प्रभु चावला की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि तीन ‘पी’ के साथ ही एक चैथा ‘पी’ भी है जिसे पितृ प्रधान व पुरुष प्रधान समाज कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि औरतों पर अत्याचार मानव समाज के विकास से जुड़ा है, औरतों की सबसे बड़ी ताकत माँ बनना ही आज के समाज में उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गया है और पुरुषों ने समाज के विकास के साथ साथ उन्हें प्रताणित करना, अपनी सम्पत्ति समझना तथा दबाकर रखना शुरू कर दिया। आज दुनिया में तथा देशों के बीच असमानताएं बढ़ रही हैं, इसका प्रमुख कारण यही है कि आधुनिक दुनिया समानता के सिद्धान्त पर अपने को टिका हुआ नहीं मानती।
अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के अन्तर्गत विभिन्न विषयों पर अलग-अलग सेशन सम्पन्न हुए। प्रथम सेशन में ‘स्कूल एण्ड जेन्डर वायलेन्स: व्हाट कैन द टीचर्स डू’ विषय पर चर्चा हुई। इस अवसर कीनोट एड्रेस देते हुए सुश्री शमीना शफीक, सदस्या, नेशनल कमीशन फाॅर वुमेन, नई दिल्ली ने कहा कि आज सत्तर प्रतिशत औरतें घर पर किसी न किसी तरह का अत्याचार बर्दाश्त करती है परन्तु बताती नहीं है। मीडिया इसका समाधान नहीं बताता। आज टीचर्स को बच्चों को समझाना होगा कि बालक-बालिकाएं दोनों समान है। इसी प्रकार, ‘महिलाओं के खिलाफ हिंसावृत्ति - कारण और निवारण’ एवं ‘फ्रीइंग वोमेन फ्राम वायलेन्स: एक्शन प्वाइंट फाॅर सीएमएस एण्ड अदर स्कूल’ विषयों पर आयोजित सेशन्स में देश-विदेश से पधारे पत्रकारों, विशेषज्ञों, मनोवैज्ञानिकों आदि ने जोरदार ढंग से अपने विचार रखे, जिनमें जस्टिस डा. आदेल ओमर शरीफ, डिप्टी जीफ जस्टिस, सुप्रीम कन्स्टीटूयशन कोर्ट आॅफ इजिप्ट, डा. रंजना कुमारी, प्रेसीडेन्ट, वुमेन पावर कनेक्ट व डायरेक्टर, सेन्टर फाॅर सोशल रिसर्च, श्री राजीव चन्द्रन, नेशनल इन्फाॅरमेशन आॅफीसर, यू.एन.आई.सी. फाॅर इण्डिया एण्ड भूटान, सुश्री फरीदा वाहेदी, डायरेक्टर, नेशनल स्पिरिचुअल असेम्बली आॅफ द बहाइज, श्री प्रबल प्रताप सिंह, वरिष्ट पत्रकार, श्री श्रीपाल शकटावत, ब्यूरो चीफ़, इण्डिया न्यूज, राजस्थान, श्री बृजेश मिश्रा, एडीटर, ईटीवी, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड, सुश्री सोनाली मुखर्जी, ऐसिड अटैक सरवाइवर, बोकारो, झारखण्ड, श्री साबू जाॅर्ज, वुमेन्स राइट्स ऐक्टिविस्ट, नई दिल्ली, सुश्री शमीना शफीक, सदस्या, नेशनल कमीशन फाॅर वुमेन, नई दिल्ली, श्री जावेद नकवी, वरिष्ठ पत्रकार, नई दिल्ली, श्री संजय झा, इण्डिया ब्यूरो चीफ, आई.टी.वी. न्यूज, लंदन, सुश्री किट्टी तवाकाले, डिप्टी हेड, प्रेस एण्ड कम्युनिकेशन, ब्रिटिश हाई कमीशन, नई दिल्ली, सुश्री रूपरेखा वर्मा, पूर्व वाइस-चांसलर, लखनऊ विश्वविद्यालय, श्री माइकल डी सालाबेरी, भूतपूर्व राजदूत, मिनिस्ट्री आॅफ फाॅरेन अफेयर्स, कनाडा, डा. डेविड रिस्ले, यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेन्ट आॅफ जस्टिस, इजिप्ट आदि प्रमुख थे।
अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन के अपरान्हः सत्र में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में प्रख्यात शिक्षाविद् व
सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी ने दिन भर चले विचार-विमर्श से पत्रकारों को रूबरू कराते हुए कहा कि इस अन्तर्राष्ट्रीय मीडिया सम्मेलन में देश-विदेश से पधारे मीडिया प्रमुखों, पत्रकारों, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों व विद्वजनों ने महिलाओं व बालिकाओं खिलाफ बढ़ती हिंसावृत्ति के कारणों, परिस्थितियों एवं उनके समाधान पर व्यापक चर्चा की एवं सभी की आम राय थी कि महिलाओं व बालिकाओं का शोषण समेत अन्य सामाजिक बुराईयों को दूर करने में मीडिया व स्कूल की अहम भूमिका है एवं विद्यालय व मीडिया का संयुक्त प्रयास समाज में रचनात्मक बदलाव ला सकता है। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने कहा कि वर्तमान विश्व परिदृश्य के अनुरूप इस अत्यन्त सामयिक एवं ज्वलन्त मुद्दे पर आवाज उठाना एवं अन्तर्राष्ट्रीय बिरादरी को एक मंच पर एकत्रित करना भावी पीढी के सुन्दर व सुरक्षित भविष्य हेतु सी.एम.एस. की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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