Categorized | लखनऊ.

‘जीवन मूल्यों’ पर आधारित हो मानव जीवन — डा. (श्रीमती) भारती गाँधी, प्रख्यात शिक्षाविद् व संस्थापिका-निदेशिका, सी.एम.एस.

Posted on 18 August 2014 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर आॅडिटोरियम में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका एवं बहाई अनुयायी डा. भारती गाँधी ने कहा कि मानव जीवन ईश्वर की बहुमूल्य देन है, अतः इसका उद्देश्य मूल्यों पर आधारित होना चाहिए। सत्य बोलना, सबसे प्यार करना, माता-पिता तथा उनके माता-पिता का आदर करना तथा उनकी सेवा करना तथा परमात्मा को जानने का प्रयास करना और उनके बताये रास्तों पर चलना आदि ही मानव धर्म है। डा. भारती गाँधी ने आगे कहा कि ‘जापर कृपा राम की होई, तापर कृपा करें सब कोई’ अर्थात ईश्वर को जान लेने से मनुष्य को सभी प्रकार के सुख प्राप्त हो सकते हैं। सत्संग करके ईश्वर को उसके अवतारों के माध्यम से जानने का अवसर मिलता है। ईश्वर चाहते हैं कि पूरी दुनिया के लगभग सात अरब लोगों के हृदय एक हो जाएं। ईश्वर ने हमें जीवित रहने के लिए सभी भौतिक वस्तुएं उपलब्ध कर दी हैं, अब मनुष्यों को ईश्वर को जानने का प्रयास करना चाहिए।
़़़़़ विश्व एकता सत्संग मे आज सीएमएस राजाजीपुरम द्वितीय कैम्पस के छात्रो ने अनेक शिाात्मक-साँस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। बच्चों ने स्कूल प्रार्थना, लघु नाटिका, भक्ति गीत, सुविचार इत्यादि प्रस्तुत किये। लघु नाटिका के माध्यम से कक्षा 3 के बच्चों ने दर्शाया कि बच्चों को अपने माता-पिता तथा दादा-दादी, नाना-नानी का आदर करना चाहिए तथा उन्हें भी बच्चों से प्यार एवं स्नेह से पेश आना चाहिए। सुविचार की प्रस्तुति द्वारा बच्चों ने बताया कि अपने आप पर विश्वास रखना चाहिए तथा विनम्रता का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए। इस अवसर पर नन्हें-मुन्हें बच्चों ने ‘कम, प्रेज द लार्ड’ भक्ति गीत सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। सत्संग में बड़ी संख्या में बच्चों के अभिभावक भी उपस्थित थे।
इस अवसर बोलते हुए सीएमएस राजाजीपुरम द्वितीय कैम्पस की प्रधानाचार्या श्रीमती अरुणा नायडू ने कहा कि हमें बच्चों को सिखाना है कि पूरी दुनिया एक है एवं सभी लोग इसके नागरिक हैं। ईश्वर का रूप बच्चों के लिए अपने माता-पिता में होता है तथा माता-पिता के लिए उनके माता-पिता भगवान का रूप होते हैं अतः उन्हें ईश्वर की तरह पूजना तथा उनकी सेवा करना चाहिए। सीएमएस नैतिक शिक्षा की प्रमुख श्रीमती वंदना गौड़ ने कहा कि माता-पिता को अगर बच्चांे से बेहतर परिणाम चाहिए तो उन्हें अपने बच्चों को समय देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ‘जाओ करो’ न कहकर ‘आओ करें’ से बच्चे अधिक सीखेंगे। इसके अलावा विश्व एकता सत्संग में आज कई विद्वानों ने भी अपने विचार रखे।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

November 2024
M T W T F S S
« Sep    
 123
45678910
11121314151617
18192021222324
252627282930  
-->









 Type in