उत्तर प्रदेश के परिवहन आयुक्त श्री के0 रविन्द्र नायक ने सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष भारी मात्रा में होने वाली धन एवं जन हानि को रोकने के उद्देश्य से सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपद में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क दुर्घटनाओं के आधार पर 15 से 20 ब्लैक स्पाट चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपद में सड़क दुर्घटना के आंकड़ों का विश्लेषण कर ब्लैक स्पाट्स चिन्हित करते हुए पी0डब्ल्यू0 डी0 एवं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों से सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करायें।
परिवहन आयुक्त ने जिलाधिकारियों को भेजे गये निर्देश में कहा है कि सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित कार्यों को प्रभावी बनाने हेतु पुलिस, पी0डब्ल्यू0डी0, एन0एच0ए0आई0 एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर इसकी विधिवत समीक्षा की जाय। इसके अलावा दुर्घटनाओं की मिनिस्ट्रियल जांच में यदि कोई सुझाव प्रदान किया गया हो, तो उसे भी सम्मिलित करते हुए एक कार्ययोजना तैयार कर उसे लागू किया जाय ताकि होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाया जा सके।
परिवहन आयुक्त ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों के विश्लेषण से यह प्रकाश में आया है कि ‘ब्लैक स्पाट्स’ दुर्घटनाओं का एक महत्वपूर्ण कारण है। यदि वर्ष 2012 में घटित सड़क दुर्घटनाओं पर दृष्टि डाली जाय तो प्रकाश में आता है कि देश में उत्तर प्रदेश का स्थान आठवां एवं दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु में प्रथम है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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