उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि देश की समृद्धि एवं खुशहाली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही गुजरता है। देश में सबसे अधिक जनसंख्या वाले इस प्रदेश के विकास के बिना देश का विकास अधूरा है। जब भी उत्तर प्रदेश के विकास की बात की जाती है, तो उसमें देश के विकास का मंतव्य स्वतः ही शामिल होता है।
मुख्यमंत्री 68वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज यहां विधान भवन के मुख्य द्वार पर ध्वजारोहण के उपरान्त उपस्थित लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। आजादी की लड़ाई व देश की सीमाओं की रक्षा में शहीद होने वालेे सेनानियों को श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि आज का दिन उनके त्याग और बलिदान को याद करने का दिन है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि उनके कुशल नेतृत्व में ही स्वतंत्रता आन्दोलन का संघर्ष सफल हुआ। डाॅ. राम मनोहर लोहिया, लोकनायक जयप्रकाश नारायण एवं आचार्य नरेन्द्र देव आदि समाजवादी चिन्तकों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि इनके विचारों ने देश को एक नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में उत्तर प्रदेश की केन्द्रीय भूमिका रही है।
श्री यादव ने कहा कि आज का दिन यह विचार करने का अवसर देता है कि जिन उद्देश्यों को लेकर आजादी हासिल की गई, उसमें कहां तक सफलता मिली है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आजादी के बाद देशवासियों ने सभी क्षेत्रों में सफलता के नए प्रतिमान बनाए हैं। लेकिन जब तक समाज के सभी वर्गों एवं समुदायों को जीवन जीने के लिए न्यूनतम जरूरतें उपलब्ध न करा दी जाएं, तब तक सफलता की यह यात्रा अधूरी है। देश की प्रगति के लिए समाज के सभी नागरिकों की उपयोगिता, प्रतिबद्धता एवं कौशल का उपयोग, सभी नौजवानों को रोजगार, सभी गावों व दूर-दराज के क्षेत्रों में जीवन-यापन की न्यूनतम आधारभूत सुविधाओं का विकास सुनिश्चित करना होगा। प्रदेश सरकार इस उद्देश्य के लिए लगातार प्रयत्नशील है। सत्ता में आने के बाद से ही समाजवादी सरकार ऐसे कल्याणकारी कार्यक्रम एवं योजनाओं का संचालन कर रही है, जिससे प्रदेश का हर नागरिक प्रगतिशील भारत में अपना योगदान देने में सक्षम बन सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ-साथ कौशल विकास एवं ग्रामीण क्षेत्रों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए निरन्तर पुरजोर कोशिश कर रही है। पिछले 02 वर्षों के कार्यकाल में तेज गति के साथ प्रदेश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने का सार्थक प्रयास किया गया है, जिसके कारण विगत 02 वर्षों में प्रदेश की विकास दर, देश की विकास दर से अधिक रही है।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने वर्तमान कार्यकाल के प्रथम चरण में नौजवानों के भविष्य को संवारने तथा उज्ज्वल बनाने के लिए लैपटाॅप वितरण, बेरोजगारी भत्ता, कन्या विद्या धन योजना आदि कार्यक्रमों को संचालित कर प्रदेश के युवक-युवतियों को लाभान्वित किया है। अब दूसरे चरण में, वर्तमान वित्तीय वर्ष से राज्य सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों, विशेष रूप से निर्धन बस्तियों में जीवन-यापन की मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने का प्रयास शुरु किया है। राज्य सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना शुरु की है। यह पेंशन योजना देश में किसी भी राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से संचालित की जाने वाली सबसे बड़ी सामाजिक सुरक्षा योजना है। इससे प्रदेश के 40 लाख परिवारों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। इस वर्ष के बजट में इसके लिए दो हजार चार सौ चैबीस करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।
श्री यादव ने कहा कि प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लिए आधारभूत सुविधाओं का विकास होना जरूरी है। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सत्ता में आते ही कदम उठाने शुरु कर दिये थे। लखनऊ के चक गंजरिया फार्म में आई.टी. सिटी, सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, मेडीसिटी, कैंसर संस्थान, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल/कार्डियोलाॅजी सेण्टर, आधुनिक दुग्ध प्रसंस्करण प्लाण्ट एवं प्रशासनिक प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना की जा रही है। विकास में सड़कों की महत्वपूर्ण भूमिका के मद्देनजर लखनऊ-आगरा ग्रीन एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष के बजट में इसके लिए तीन हजार दो सौ अस्सी करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। जिला मुख्यालयों को 04 लेन की सड़कों से जोड़ने के साथ-साथ विभिन्न नदियों पर बड़े पैमाने पर पुल बनाए जा रहे हैं। प्रदेश सरकार की अवस्थापना सुविधाओं के प्रति प्रतिबद्धता इसी से जाहिर होती है कि इस वर्ष के बजट में सड़क, सेतु, सिंचाई एवं ऊर्जा के विकास के लिए पिछले वर्ष के मुकाबले 82 फीसदी अधिक धनराशि की व्यवस्था की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए अवस्थापना एवं औद्योगिक निवेश नीति, सूचना प्रौद्योगिकी नीति, सौर ऊर्जा नीति आदि का प्रभावी क्रियान्वयन कराया जा रहा है। इसी कड़ी में 12 जून, 2014 को नई दिल्ली में
निवेशक सम्मेलन आयोजित किया गया। इस आयोजन में देश-विदेश की लगभग 150 कम्पनियां शामिल हुईं। इनमें से 23 कम्पनियों द्वारा लगभग चैव्वन हजार छः सौ करोड़ रुपए के समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
श्री यादव ने कहा कि जनता को विश्वस्तरीय सार्वजनिक यातायात सुलभ कराने के लिए लखनऊ में मेट्रो रेल परियोजना पर तेजी से काम कराया जा रहा है। उत्तर प्रदेश देश का एक मात्र राज्य है, जिसके 04 शहरों में मेट्रो रेल परियोजना पर काम किया जा रहा है। वेस्टर्न फ्रेट काॅरिडोर एवं ईस्टर्न फ्रेट काॅरिडोर को अवसर मानते हुए राज्य सरकार ने इन दोनों काॅरिडोरों के साथ-साथ औद्योगिक विकास की रणनीति को भी अमलीजामा पहनाना शुरु कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की साढ़े 15 करोड़ से अधिक जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है। इसलिए गरीबी, कुपोषण, अशिक्षा एवं बेरोजगारी को समाप्त करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों की उपेक्षा नहीं की जा सकती। राज्य सरकार कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने के लिए कृषि नीति-2013 को प्रभावी तरीके से लागू करा रही है। इसके अलावा डेयरी, कुक्कुट पालन एवं मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्ष 2013-14 में प्रदेश ने 242 लाख मीट्रिक टन दूध का उत्पादन कर देश में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। सफलता की इस उपलब्धि को आगे बढ़ाते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष में लगभग 300 लाख मीट्रिक टन दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार के प्रयासों के चलते लखनऊ, इटावा एवं वाराणसी में क्रमशः 05-05 लाख व कानपुर में 10 लाख लीटर दैनिक दुग्ध प्रसंस्करण क्षमता के डेयरी प्लाण्टों की स्थापना की जा रही है। उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित कामधेनु डेयरी योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खुशहाली एवं रोजगार दिलाने का एक अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रम मत्स्य पालन भी हो सकता है। मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने इसे कृषि का दर्जा दे दिया है। इससे मत्स्य पालकों को कई प्रकार की सुविधाएं प्राप्त होंगी।
श्री यादव ने कहा कि आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ दैनिक जीवन में बिजली के महत्व से राज्य सरकार वाकिफ है। इसके मद्देनजर परम्परागत एवं गैर परम्परागत, दोनों स्रोतों से बिजली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है। विद्युत उत्पादन के साथ ही पारेषण एवं वितरण के क्षेत्र में सुधार के लिए भी कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि राज्य सरकार के प्रयासों के फलस्वरूप सन् 2016-17 से ग्रामीण क्षेत्रों में 18 घण्टे तथा शहरी इलाकों में 24 घण्टे बिजली आपूर्ति की जा सकेगी। इसके लिए बिजली उत्पादन की नई इकाइयों को तेजी से पूरा कराया जा रहा है। इसके अलावा पनकी तापीय विस्तार परियोजना, कानपुर में 660 मेगावाट तथा मेजा तापीय परियोजना, इलाहाबाद में 660 मेगावाट की 02 अतिरिक्त इकाइयों की स्थापना का निर्णय भी लिया गया है। चीनी उद्योग, आसवनी एवं को-जनरेशन प्रोत्साहन नीति 2013 को लागू करने के बाद को-जनरेशन संयंत्रों की वर्तमान स्थापित क्षमता को बढ़ाकर 1500 मेगावाट किए जाने एवं सौर ऊर्जा नीति-2013 के तहत मार्च, 2017 तक 500 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन परियोजनाओं की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार द्वारा अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। राजकीय अस्पतालों में मरीजों को 05 दिनों तक मुफ्त दवाई के साथ-साथ निःशुल्क पैथोलाॅजी जांच व एक्स-रे की सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा गम्भीर बीमारियों के लिए निःशुल्क गुणात्मक इलाज जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो रहा है। 108 समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के तहत संचालित एम्बुलेंस से अब तक 25 लाख से अधिक लोगों ने लाभ उठाया है। प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों में बेहद लोकप्रिय इस सेवा पर लोगों का काफी भरोसा है। इस सेवा की सफलता को देखते हुए माताओं एवं 01 वर्ष के बच्चों के लिए 102 नेशनल एम्बुलेंस सर्विस शुरु की गई है। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क ज्वर से प्रभावित गोरखपुर एवं बस्ती मण्डलों को नेशनल एम्बुलेंस सर्विस से पूरी तरह आच्छादित करने का प्रयास किया गया है, ताकि मस्तिष्क ज्वर से प्रभावित होने वाले बच्चों को समय रहते उपचार की अच्छी सुविधा दिलाई जा सके। चिकित्सा सेवा को और भी प्रभावी एवं विश्वसनीय बनाने के लिए 01 लाख 44 हजार आशा बहुओं, ए.एन.एम. तथा प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को मोबाइल फोन दिए जाने की व्यवस्था की गई है। इसी के साथ, चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एम.बी.बी.एस. की 500 सीटों में इजाफा किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार द्वारा पिछड़े क्षेत्रों में राजकीय मेडिकल काॅलेज की स्थापना की व्यवस्था की गई है। जनपद जौनपुर एवं बदायूं में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। जनपद चंदौली में राजकीय मेडिकल काॅलेज की स्थापना के लिए इस वर्ष के बजट में धनराशि का प्राविधान किया गया है। राज्य सरकार ने लखनऊ के डाॅ. राम मनोहर लोहिया संयुक्त चिकित्सालय एवं डाॅ. राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट आॅफ मेडिकल साइंसेज का विलय कर एक संयुक्त चिकित्सा शिक्षा संस्थान की स्थापना का निर्णय लिया है। इसमें एम.बी.बी.एस. की 150 सीटों के पाठ्यक्रम को संचालित किया जाएगा। इस संस्थान में एम्स जैसी सुविधाएं सुलभ होंगी। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा जनपद बस्ती, फिरोजाबाद, बहराइच एवं फैजाबाद में मेडिकल काॅलेजों की स्थापना के लिए भी प्रस्ताव भेजा गया है।
श्री यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक विशाल और विविधतायुक्त राज्य है, जहां पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। राज्य सरकार पर्यटन के समुचित विकास पर ध्यान दे रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपद कुशीनगर में मैत्रेय परियोजना के क्रियान्वयन के साथ-साथ यहां अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की स्थापना की कार्रवाई प्रगति पर है। वाराणसी में 03 नए घाटों की स्थापना एवं भारत रत्न बिस्मिल्लाह खां की स्मृति में संग्रहालय एवं मकबरा स्थल के विकास की योजनाएं भी प्रस्तावित हंै। पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्षेत्रीय वायुयान सेवा संचालित करने का फैसला लिया गया है। साथ ही, हेरिटेज पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नीति बनाकर कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने भरोसा जताया कि इन प्रयासों के फलस्वरूप हमारा प्रदेश पर्यटकों के लिए एक बेहतरीन डेस्टीनेशन साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश की आबादी अधिक होने के नाते यहां बेरोजगारों की संख्या भी अधिक है। इसके प्रभावी निदान के लिए उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन की शुरुआत की गई है। मिशन के माध्यम से नौजवानों को स्वतः रोजगार के लिए प्रेरित करने हेतु, 03 वर्षों में बयालिस सौ करोड़ रुपए की लागत से, 24 लाख नौजवानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा, संगठित रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए राज्य सरकार सभी सरकारी विभागों में लगभग 05 लाख लोगों की भर्ती करने जा रही है। इसके तहत लगभग 01 लाख 70 हजार शिक्षामित्रों को भी समायोजित करने की कार्रवाई की जा रही है।
श्री यादव ने कहा कि राज्य सरकार योजनाबद्ध ढंग से प्रदेश में विकास कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। इसके लिए वर्तमान सरकार ने पहली बार पूरे प्रदेश के समग्र विकास के लिए, वित्तीय वर्ष के प्रारम्भ में ही विकास का एजेण्डा तैयार कर विभागों द्वारा उसे लागू कराने की व्यवस्था की है। इसी कड़ी में वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए राज्य सरकार द्वारा विभागवार विकास का एजेण्डा निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी समाज तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक उसके सभी वर्ग वास्तव में प्रगति न कर जाएं। इसीलिए प्रदेश की खुशहाली और विकास के लिए चुस्त-दुरुस्त कानून-व्यवस्था जरूरी है। राज्य सरकार कानून-व्यवस्था पर पूरा ध्यान दे रही है। प्रदेश की पुलिस व्यवस्था में काफी सुधार किया जा रहा है। पुलिस कर्मियों की भर्ती के अलावा इन्हें आवश्यक आधुनिक संसाधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कानपुर में आधुनिक पुलिस कंट्रोल रूम शुरु हो चुका है। लखनऊ में भी इसकी शुरुआत होने जा रही है। आगे अन्य बड़े शहरों में भी आधुनिक पुलिस कंट्रोल रूम की व्यवस्था की जाएगी। महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कई निर्णय लिए गए हैं। विमेन पावर लाइन 1090 पहले ही काफी लोकप्रिय हो चुकी है। आने वाले समय में इस दिशा में और अधिक प्रभावी एवं ठोस कदम उठाए जाएंगे।
श्री यादव ने प्रदेश के किसानों, नौजवानों, महिलाओं, बच्चों, कमजोर वर्गों व अल्पसंख्यकों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सभी प्रदेशवासियों का राज्य सरकार द्वारा किए जा कार्यों में सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि प्रदेश को व्यापार, निवेश, रोजगार, कानून-व्यवस्था, मानवीय विकास की दृष्टि से एक बेहतर और प्रगतिशील राज्य बनाने के लिए हम सब का मिलकर कार्य करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के लिए शहीद सेनानियों को हम सब की यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर पर राज्य सरकार के अनेक मंत्रिगण, पूर्व मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी, अन्य जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि तथा अन्य लोग उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com