उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री आलोक रंजन ने प्रमुख सचिवों एव सचिवों को निर्देश दिए हैं कि उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी अधिनियम 2011 के अन्तर्गत अधिसूचित 140 सेवाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाय ताकि अधिक से अधिक लोग जानकारी प्राप्त कर अधिसूचित सेवाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि अधिसूचित सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु संबंधित विभाग नोडल अधिकारी नामित कर उसका मोबाइल नम्बर, पदनाम आदि की जानकारी वेबसाइट आदि पर अपलोड कर दी जाय। उन्होंने कहा कि अधिसूचित सेवाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कराने हेतु होेर्डिंग्स एवं नोटिस बोर्ड सहित अन्य साधनों का प्रभावी ढ़ंग से उपयोग किया जाय। उन्होंने कहा कि अधिसूचित सेवाएं आम नागरिकों को समय से उपलब्ध कराने की वांछित सूचना निर्धारित प्रारूप पर प्रति माह 05 तारीख तक उपलब्ध कराई जाय।
मुख्य सचिव आज शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में उत्तर प्रदेश जनहित गारण्टी अधिनियम 2011 के अन्तर्गत अधिसूचित सेवाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लोकोपयोगी अधिनियम में उल्लिखित प्राविधानों का लाभ जनमानस को समय से न उपलब्ध कराने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर दण्डित किया जाय। उन्होंने कहा कि अधिनियम मुख्य रूप से जनसमस्याओं का शासन एवं जनपद स्तर पर प्रेषित प्रत्यावेदनों को निर्धारित समय के भीतर निस्तारण किये जाने के उददेश्य से बनाया गया है जिसका पूर्णता पालन सुनिश्चित हो।
श्री रंजन ने कहा कि संबधित प्रमुख सचिव नियमित रूप से मानिटरिंग कर सुनिश्चित करें कि उक्त अधिनियम के प्राविधानों के तहत जो सेवाएं आच्छादित की गई हैं वे समय से जनमानस को उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि अन्य विभागों के प्रमुख सचिव एवं सचिव अपने विभागों में जनमानस को उपलब्ध कराने वाली सूचनाएं अधिसूचित किये जाने का प्रस्ताव परीक्षण कर प्रस्तुत करें ताकि यथाशीघ्र अधिसूचित कराये जाने हेतु कार्यवाही की जा सके।
बैठक में प्रमुख सचिव, प्रशासनिक सुधार श्री एस0एन0 शुक्ला सहित अन्य संबंधित 30 विभागों के प्रमुख सचिव एवं सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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