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धन लड़ाई में नहीं भलाई में खर्च होना चाहिए-डा0 भारती गांधी, संस्थापिका-निदेशिका एवं प्रख्यात् शिक्षाविद्,सी0एम0एस0

Posted on 12 August 2014 by admin

सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा सी0एम0एस0 गोमतीनगर आॅडिटोरियम मे ‘विश्व एकता सत्संग’ का भव्य आयोजन किया गया। सत्संग में सी0एम0एस0 की संस्थापिका निदेशिका, प्रख्यात् शिक्षाविद् तथा प्रमुख बहाई अनुयायी डा0 भारती गांधी ने कहा कि ईश्वर हमसे यह आशा करते हैं कि हम सदैव उनके बताये हुए रास्ते पर चलें। हम जो भी कार्य करें वह किसी न किसी की सेवा के लिए होना चाहिए अन्यथा हमारा जीवन व्यर्थ है। डा0 गांधी ने आगे कहा कि जीवन में आने वाले कष्टों का स्वागत करें क्योंकि सेवा कार्य के रास्ते में अनेक कष्ट आ सकते हैं। इन कष्टों को प्रभु का आशीर्वाद समझना चाहिए। डा. गाँधी ने आगे कहा कि सी.एम.एस. के बच्चे बड़े होकर दुनिया से लड़ाईयाँ मिटाकर विश्व एकता तथा विश्व शांति की स्थापना करेगे। हरित क्रान्ति एवं श्वेत क्रान्ति से देशों में अकूत संपत्ति है पर वह धन युद्ध पर खर्च कर दिया जाता है। सी.एम.एस. के बच्चे अच्छी शिक्षा प्राप्त करके सभी लोगों का भौतिक तथा सामाजिक कल्याण करेंगे।
‘विश्व एकता सत्संग’ में सी0एम0एस0 जाॅपलिंग रोड कैम्पस के बच्चों ने अनेक भक्तिगीत प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पवित्र मन रखो, पवित्र तन रखो, सिंग हुसैना, पासिंग थू्र समटाईम्स, देयर इज ए वल्र्ड आॅफ होप, वी आर वल्र्ड इन द स्पिरिट। सी.एम.एस. जाॅपलिंग रोड की प्रिंसीपल श्रीमती मंजू नौटियाल ने कहा कि ईश्वर ऊर्जा है तथा बच्चों मं अपार ऊर्जा भरी होती है। जीवन संघर्षपूर्ण होता है पर उससे उबरना ही सर्वश्रेष्ठ बनना है।
श्री हसन कमाल आब्दी ने कहा कि जो बच्चे घर एवं बाहर दोनों स्थानों पर सीखते हैं उनकी जड़ें मजबूत होती है एवं वे अवश्य ही फलते-फूलते हैं। श्री आब्दी ने कहा कि जिन्दगी का लक्ष्य है - शांति, संतुष्टि तथा धर्म का पालन करना एवं सभी धर्मों का सम्मान करना।    आॅल इण्डिया रेडियो के भूतपूर्व समाचार वाचक वयोवृद्ध श्री यज्ञदेव पंडित जी ने कहा कि दुनिया में प्रकृति जीव एवं परमात्मा यही तीनों चीजें दिखती हैं। कहा जाता है कि प्रकृति सत्य है पर चैतन्य नहीं है। जीव सत्य एवं चैतन्य दोनों हैं परन्तु परमात्मा सत्य, चित्त एवं आनंद अर्थात् सच्चिदानन्द हैं। जो मनुष्य हमेशा आनंद में, मौज में रहता है वह परमात्मा बन जाता है। श्री बी.एन. सिंह ने कहा कि याद करने से विद्यार्थी परीक्षा पास करते हैं तथा ईश्वर को याद रखने से मनुष्य जीवन की परीक्षा पास कर जाता है। सही दिशा में उठाया गया कदम जीवन सफल कर देता है। ईश्वर जब प्रगट होता है तभी कल्याण होता है श्री पी. के. मिश्रा ने कहा कि बचपन मानव जीवन का सबसे सुनहरा काल होता है। उन्होंने कहा कि उत्साह का संचार समस्यायें सुलझाने की शक्ति देता है। विचारों में दृढ़ता हो, तो लक्ष्मी स्वयं पास आती है। अंत में उन्होने सबको धन्यवाद देकर सत्संग का समापन किया।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

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