Categorized | लखनऊ.

प्रदेश के मुस्लिम औक़ाफ़ और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के काबीना वज़ीर मोहम्मद आज़म ख़ाँ ने देर शाम एक लिखित वक्तव्य जारी कर कहा

Posted on 11 August 2014 by admin

प्रदेश के मुस्लिम औक़ाफ़ और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के काबीना वज़ीर मोहम्मद आज़म ख़ाँ ने देर शाम एक लिखित वक्तव्य जारी कर कहा है कि दिन को रात और रात को दिन तब तक नहीं बदला सकता जब तक कि अल्लाह की जायदाद को ज़ालिमाना ढंग से डकार लेने वाले, धर्म का ढोंग करने वाले और अपने आपको धर्मगुरू कहलाने वाले अलीबाबा की शक्ल से बाहर नहीं निकल आते, तब तक चाहे शिया जायदादें हों या सुन्नी उन्हें बचाना मुमकिन नहीं होगा।
भारतीय जनता पार्टी के कारिन्दे, केसरिया एजेण्ट, 06 दिसम्बर को अपनी बेटी की शादी कराने वाले, हवन कराने वाले, 15 लाख रूपया राम मन्दिर को चन्दा देने वालों के लिये मैं फिर कहता हूँ कि ये लोग इस्लाम के कलंक हो सकते हैं इसके सिवाय और कुछ नहीं हो सकते।
मैंने किसे धर्मगुरू कहा किसे धर्मगुरू नहीं कहा- लेकिन जो ख़ुद को समझा उसी को चोर कहा। क़ब्रों को बेचने वाला, मुर्दों के दफ़्न के लिये एक-एक क़ब्र की जमीन के एवज़ में लाखों रूपये वसूल करने वाले, हुसैनी सरांय, कर्बला, चार-चार मस्जिदों को शहीद करके उसकी प्लाटिंग कर बेचने वाले सिर्फ मिल्लत के ही नहीं अल्लाह के भी मुजरिम हैं। नागपुर में आर.एस.एस.के कार्यालय से तैयार किया हुआ प्रेस रिलीज़ जारी करने वाले दुश्मनान-ए-इस्लाम और फाशिस्ट बतायें कि ’’मोदी नर है तो क्या डर है’’ किसने कहा था..? किसने कहा था कि भाजपा को वोट देने के सिवा और कोई रास्ता नहीं है। मर्दानगी (नर) का सुबूत धर्मगुरू को समझ में आया, कैसे टेस्ट किया मर्दानगी को! अब ’’अलीबाबा’’ को पर्दे में रखकर टीम बाहर निकली है। समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल का एक भी मेम्बर कमेटी में नहीं है जिसे चुनाव करना है यह सारे मेम्बर ’’अलीबाबा’’  ने ही बनाये थे।
रमज़़ान के मुबारक महीने में ईद को लहूलहान करने वाले धर्मगुरू नहीं हो सकते। बाबरी मस्जिद की शहादत के गुनहगारों को इस्तक़बालिया देने वाला, उन्हें अपने घर बुलाकर फूलों के गुलदस्ते पेश करने वाला मिल्लत का दुश्मन तो हो सकता है, दोस्त नहीं हो सकता। ईराक़़ जाने के लिये शहीदी जत्थों की तैयारी करने वाला सिर्फ हिन्दुस्तान के अम्न-ओ-अमान के लिये ही नहीं, पूरी दुनिया के अम्न-ओ-अमान के लिये ख़तरा हैं। ’’अलीबाबा’’ आप कहलाते हैं धर्मगुरू, आलिम-ए-दीन और नूर-ए-हिदायत वेबसाइट पर इंसान के धड़ पर नापाक जानवर की तस्वीरे लगाकर पूरी दुनिया में भेजकर इंसानियत को शर्मसार करते हैं। आप धर्मगुरू नहीं, आलिम-ए-दीन नहीं सिर्फ और सिर्फ ’’ कल्बे-दुनिया’’ हो सकते हैं इसकेे सिवा और कुछ नहीं ।
जहाँ तक समाजवादी पार्टी का ताल्लुक़ है समाजवादी पार्टी ने फाशिस्ट ताकतों से न कभी समझौता किया था, किया है, न कभी करेगी। आर.एस.एस. के एजेण्ट हमें समाजवाद न समझायें तो बेहतर होगा और इन्तेज़ार करें उस वक़्त का जब जांच के लम्बे हाथ मोहतरमों के गिरेबान तक पहुचेंगे जिसकी बौखलाहट और घबराहट में इस तरह के बयानात दिये जा रहे हैं।
मैं दावत देना चाहता हूँ कि ख़ुद ढोंगी लोग और जिनकी झोली में कुछ नहीं है मैदान में आयें, खुद कहें कि चुनाव कराये जायें ताकि उन्हें भी अपनी असलियत का अन्दाज़ा हो सके। आज की प्रेस रिलीज़ जो नागपुर से छपकर आयी है वह सिर्फ इस बौखलाहट का ही नतीजा है कि ढोंगी धर्मगुरू ’’अलीबाबा’’ को जानते हैं कि जब तक मैं वक़्फ़ के ओहदे पर फाइज़ हूँ किसी भी तरह से वक़्फ़ की जायदाद को लूटने वालों को सर उठाकर चलने नहीं दूंगा। मैं पूरे समाज के सामने उनकी असलियत को खोलकर रखूंगा ताकि लोगों को मालूम हो कि इन ठगों की वजह से पूरी दुनिया में और ख़ुद हिन्दुस्तान में मुसलमानों को कितना नुक़सान उठाना पड़ रहा है।

सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.

Advertise Here

Advertise Here

 

April 2024
M T W T F S S
« Sep    
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
2930  
-->









 Type in