‘‘रक्षा बंधन न सिर्फ भाई-बहन के प्रेम का पर्व है। बल्कि यह उत्सव समाज में समरसता और देष की सुरक्षा के संकल्प का पर्व भी है। इस पवित्र पर्व की औपचारिकता न पूरी की जाए बल्कि इसे पूरे निश्ठा, भाव और संकल्प के साथ मनाया जाना चाहिए। समाज को आज हुँमायु जैसे भाई की जरूरत है।’’ यह विचार छात्र-छात्राओं ने आज रक्षा बंधन उत्सव कार्यक्रम में व्यक्त किये।
सरस्वती विद्या मन्दिर वरिश्ठ माध्यमिक विद्यालय विवेकानन्दनगर, सुलतानपुर में आज वन्दना सभा में आयोजित रक्षा बंधन उत्सव कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने रक्षा बंधन के महत्व और इसके विविध कारणों पर प्रकाष डाला। छात्र संसद के प्रधानमंत्री अभय प्रताप शुक्ल एवं पूर्व प्रधानमंत्री अंकित सिंह ने रक्षा बंधन उत्सव पर अपने भावपूर्ण विचार दिये। छात्रा बैश्णवी सिंह, सांची मिश्रा और आचार्या सारिका सिंह ने अंग्रेजी भाशण में रक्षा बंधन के इतिहास और महत्व पर प्रकाष डाला। इस बीच आषुतोश द्विवेदी ने अपने गीत ‘‘फूलो और तारों का सबका कहना है, एक हजारों में मेरी बहना है।’’ प्रस्तुत कर माहौल को भावपूर्ण बना दिया। कक्षाओं के समापन के बाद भैया-बहनों ने कक्षाओं में आपस में राखियाँ बांधी और मिठाईयां खिला कर रक्षा बंधन उत्सव मनाया।
विद्यालय में चल रहे संस्कृत सप्ताह अन्तर्गत कार्यक्रम में षिवानी मिश्रा, ऋचा सिंह व सौम्या भट्ट ने सामूहिक रूप से संस्कृत गीत ‘संस्कृत भाशा भाशाणां जननी’ प्रस्तुत किया। इससे पहले प्रार्थना सभा में षाम्भवी मिश्रा ने संस्कृत भाशा में समाचार का वाचन किया। कार्यक्रम का षुभारम्भ छात्र संसद के प्रमुख आचार्य राजनारायण षर्मा ने किया। संचालन बालिका संसद की प्रधानमंत्री निश्ठा चतुर्वेदी ने किया। इस मौके पर प्रधानाचार्य डाॅ. लालता प्रसाद पाण्डेय एवं संगीत पर साजबाज के साथ आचार्य धर्मराज तिवारी, ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी मौजूद रहे।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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