समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री राजेन्द्र चैधरी ने कहा है कि लोकसभा में समाजवादी पार्टी की एक सशक्त आवाज के रूप में श्रीमती डिम्पल यादव ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। अपने पहले भाषण में उन्होने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर आवाज उठाई और साथ में उत्तर प्रदेश को लेकर सत्तापक्ष तथा कुछ अन्य दलों द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार का भी करारा जवाब दिया। महिलाओं के संबंध में उनकी चिन्ता पर भाजपा की महिला साॅसदों ने जिस तरह आपत्तियां की उससे स्पश्ट हो गया है कि सत्तापक्ष इस मामले में कितना असंवेदनशील है और महिलाओं के प्रति उसका कितना गैर गम्भीर दृष्टिकोण है।
संसद में उत्तर प्रदेश में बढ़ते अपराधों का हौआ खड़ा कर कुछ सत्ताधारी नेता समाजवादी सरकार को बदनाम करने में लगे हैं। श्रीमती डिम्पल यादव ने उनको चुनौती दी और दावा किया कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं तथा बच्चों के खिलाफ उत्तर प्रदेश में महिलाओं की शिकायत की सुनवाई के लिए 1090 वूमेन पावर लाइन, प्रसूति अवस्था में महिलाओं को अस्पताल और अस्पताल से घर पहुॅचाने के लिए 102 नं एम्बूलेंस सेवा तथा सभी घायलों को अस्पताल पहुॅचाने के लिए 108 नं0 समाजवादी एम्बूलेंस सेवा चल रही है। ऐसी सेवाएं अन्य प्रदेशों में उपलब्ध नहीं हैं।
श्रीमती डिम्पल ने महिलाओं के प्रति चिन्ता जताकर वस्तुतः समाजवादी आंदोलन और इसके महानायक डा0 राम मनोहर लोहिया के सिद्धातों का ही अनुपालन किया है। डा0 लोहिया ने अपनी सप्तक्रांति की अवधारणा में नर-नारी समानता पर विशेष बल दिया था। श्री मुलायम सिंह यादव ने महिलाओं को हमेशा सम्मान दिया है। उन्होने पिछड़ी और अल्पसख्यक वर्ग की महिलाओं को महिला आरक्षण में 33 प्रतिशत स्थान देने की भी वकालत की है। कन्या विद्याधन योजना भी उन्हीं की देन है।
मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने समाजवादी सरकार में महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा को प्राथमिकता दी है। सरकार और संगठन में उनको भागीदारी दी है। जहां कहीं महिला उत्पीड़न हुआ मुख्यमंत्री जी ने पीडि़ताओं की मदद करने के साथ दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने में हीलाहवाली करनेवाले अधिकारियों को भी दंडित किया है। प्रदेश में महिला सुरक्षा के ये उपाय विपक्ष के लोगों को दिखाई नहीं देते हैं क्योंकि वे सबं महिला विरोधी मानसिकता के शिकार हैं। भाजपा की महिला साॅसदों का श्रीमती डिम्पल के भाषण के बीच व्यवधान उत्पन्न करना लोकतांत्रिक मर्यादाओं की अवहेलना है।
समाजवादियों ने हमेशा महिलाओं के अधिकारों के लए संसद से लेकर सड़क तक आंदोलन किया है। समाजवादी आंदोलन में श्रीमती मृणाल गोरे, शांति नायक और चम्पालियमे जैसी प्रख्यात महिलाएं भी रही है। इस परंपरा में श्रीमती डिम्पल यादव ने समाजवादी सिद्धांत तथा विचारधारा को आगे बढ़ाने का सराहनीय कार्य किया है। प्रदेश ही नहीं देश की महिलाओं को भी इससे ताकत हासिल होगी।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
agnihotri1966@gmail.com
sa@upnewslive.com