माननीय मुख्य न्यायाधिपति, इलाहाबाद उच्च न्यायालय/मुख्य संरक्षक, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश में मा0 उच्च न्यायालय स्तर से लेकर तहसील स्तर तक समस्त न्यायालयों, अधिकरणों, निकायों आदि में दिनांक 20 सितम्बर, 2014 को राज्य मेगा लोक अदालत का आयोजन किया जायेगा।
यह जानकारी राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री तेज प्रताप तिवारी ने दी। उन्होंने बताया कि उक्त मेगा लोक अदालत के माध्यम से अधिकाधिक वादों का निस्तारण सुनिश्चित कर वादकारी जनता को शीघ्र न्याय सुलभ कराने तथा तद्द्वारा न्यायालयों में आलम्बित वादों की संख्या में प्रभावी कमी सुनिश्चित करने का सार्थक व परिणामोन्मुखी प्रयास किया जायेगा। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा उक्त निमित समस्त अधिकारीगण व विभागों विशेषतः प्रशासनिक, राजस्व, चकबन्दी, पुलिस, निबन्धन विभाग के अधिकारीगण के सक्रिय सहयोग करने की अपेक्षा की गयी है।
श्री तिवारी ने बताया कि उक्त राज्य मेगा लोक अदालत में सभी शमनीय दाण्डिक वादों, व्यवहार वादों, भूमि अध्याप्ति वादों, मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाओं, पारिवारिक वादों, स्टाम्प वादों, बैंक वसूली वादों, उपभोक्ता फोरम वादों, राजस्व वादों, नगर पालिका/नगर निगम टैक्स वसूली मामलों तथा चेक बाउन्स के मामलें जिनमें पक्षकार पारस्परिक सद्भावना के अधीन सन्धि हेतु इच्छुक होंगे, को निस्तारण हेतु सूचीबद्ध किया जायेगा। उक्त वादों में पक्षकारों के मध्य पारस्परिक सद्भावना जागृत करने के उद्देश्य से प्री-ट्रायल बैठकें भी आयोजित की जायेंगी। राज्य मेगा लोक अदालत में न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा विशेष बैठकें कर सभी प्रकार के चालानों (यथा पुलिस अधिनियम के अन्तर्गत चालान, मोटर यान अधिनियम के अधीन पुलिस तथा आर0टी0ओ0 द्वारा किये
गये चालान, मनोरंजन कर अधिनियम के अधीन चालान, उत्तर प्रदेश दुकान एवं वाणिज्यकर अधिनियम के अधीन चालान, बांट तथा माप (प्रचालन) अधिनियम चालान, चलचित्र अधिनियम के अन्तर्गत चालान, नगर निगम/नगर पंचायतों द्वारा किये गये चालान, विकास प्राधिकरणों द्वारा किये गये चालान, वन अधिनियम के अन्तर्गत किये गये चालान सहित समस्त प्रकार के चालानों) से संबंधित वादों का अधिकतम संख्या में निस्तारण करने का परिणामोन्मुखी प्रयास किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि सदस्य सचिव, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण श्री राघवेन्द्र कुमार ने अनुरोध किया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी भी आलम्बित वाद को राज्य मेगा लोक अदालत में सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित कराना चाहते हैं तो संबंधित न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अथवा सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अथवा नोडल अधिकारी से सम्पर्क कर अपने वाद को आयोजित राज्य मेगा लोक अदालत में निस्तारित करा सकते हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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