प्रख्यात शिक्षाविद एवं सिटी मोन्टेसरी स्कूल की संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी का जन्मदिवस आज बड़े ही हर्षोल्लास के साथ आध्यात्मिकता व ईश्वरीय एकता के सद्भावना पूर्ण माहौल में मनाया। जहाँ एक ओर सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय पर आयोजित विशेष समारोह में विद्यालय के कार्यकर्ताओं ने हर्षोल्लास के साथ डा. गाँधी का जन्मदिन मनाया तो वहीं दूसरी ओर सी.एम.एस. के सभी कैम्पसों में शिक्षकों व छात्रों ने अपनी आध्यात्मिक अभिभावक एवं प्रेरणास्रोत डा. गाँधी को फूल-मालाओं से लाद दिया। इसके अलावा, आज दिन भी डा. भारती गाँधी को बधाई देने वालों का तांता लगा रहा। इस अवसर पर सभी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए डा. भारती गाँधी ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि सी.एम.एस. के सभी कार्यकर्ता, शिक्षक व छात्र बड़े मनोयोग से एक ऐसे विश्व के नवनिर्माण में जुटे हैं जिसमें आध्यात्मिकता एवं चारित्रिक उत्कृष्टता की भावना समाहित है। उन्होंने कहा कि नया युग शुरू होने वाला है और मुझे हार्दिक प्रसन्नता है कि सी.एम.एस. के कर्तत्यनिष्ठ कार्यकर्ताओं, शिक्षकों व छात्रों की बदौलत ‘विश्व एकता की गूंज’ अब सारे विश्व में सुनाई देने लगी है।
सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने कहा कि महिलाओं व बालिकाओं का उत्थान हो एवं विश्व समाज में उन्हें उचित स्थान व मान-सम्मान मिले, यही डा. गाँधी का सपना है। इस सपने को साकार करने के लिए डा. गाँधी 5 दशकों से लगातार प्रयास कर रही है। डा. गाँधी ने जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी संघर्ष व उच्च आदर्शों का दामन नहीं छोड़ा। उनके व्यक्तित्व में ऐसे तमाम प्रेरक गुण समाये हैं जो महिलाओं के उत्थान में सक्षम है। श्री शर्मा ने कहा कि डा. गाँधी के अतुलनीय प्रयासों की बदौलत ही 5 बच्चों से शुरू हुए सिटी मोन्टेसरी स्कूल में आज 50,000 हजार बच्चे सारे विश्व में आध्यात्मिकता, चारित्रिक उत्कृष्टता, विश्व एकता व विश्व शान्ति का परचम लहरा रहे हैं। आपके मार्गदर्शन में गिनीज बुक आॅफ वल्र्ड रिकार्डस होल्डर एवं यूनेस्को शान्ति शिक्षा पुरस्कार से सम्मानित सिटी मोन्टेसरी स्कूल ने विश्व में एक अलग स्थान अर्जित किया है।
श्री शर्मा ने बताया कि शिक्षा, सामाजिकता व महिलाओं के उत्थान में डा. भारती गाँधी ने अतुलनीय योगदान दिया है एवं विभिन्न विषयों पर आपकी कई पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। 8 अगस्त 1936 को जिला बुलन्दशहर के अनूपशहर में जन्मीं डा. गाँधी ने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर विशेष शोध किया है एवं विशेषज्ञता अर्जित की है। डिप्लोमा आॅफ चाइल्ड गाइडेन्स साइकोलाॅजिस्ट के पश्चात पी.एच.डी. की डिग्री हासिल की एवं शिक्षा के क्षेत्र में अपने ज्ञान का विस्तार करने हेतु डा. गाँधी ने विभिन्न देशों की शिक्षा प्रणाली का अध्ययन करने हेतु जर्मनी, हालैंड, फ्रांस, सोवियत संघ, संयुक्त राज्य अमरीका, इंग्लैण्ड, अफगानिस्तान, हांगकांग, मलेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, म्यांमार, इजराइल, ईरान, बेल्जियम, स्लोवाकिया, अफ्रीका आदि कई देशों की यात्राएं कि। डा. गाँधी को शिक्षा व सामाजिक क्षेत्र में की गई उत्कृष्ट सेवाओं के लिए अब तक अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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