उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने आज यहां ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ को याद करते हुए कहा कि अगस्त क्रान्ति (09 अगस्त) भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास का महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने 09 अगस्त, 1942 को ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ की शुरुआत करते हुए ‘करो या मरो’ का नारा दिया था। इस आन्दोलन में देश की जनता ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने नौजवानों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें स्वतंत्रता आन्दोलन के लिए अपने प्राणों की आहूति देने वाले देशभक्तों के सपनों को साकार करने के लिए कार्य करना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत छोड़ो आन्दोलन की व्यापकता इसी से आकी जा सकती है कि आन्दोलन को नेतृत्व प्रदान करने वाले सभी बड़े नेताओं की गिरफ्तारी के बावजूद आन्दोलन ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पूरी गम्भीरता से चलता रहा। इस आन्दोलन में समाजवादियों ने भी अपना सब कुछ त्याग कर देश को स्वतंत्र कराने में अपना अमूल्य योगदान दिया। डाॅ. राम मनोहर लोहिया एवं श्री जयप्रकाश नारायण आदि नेताओं ने तमाम यातनाएं सहते हुए आन्दोलन को सफल बनाने में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
इस आन्दोलन के लिए नीति निर्धारण करने का दायित्व डाॅ. लोहिया को सौंपा गया। डाॅ. लोहिया ने भूमिगत रहते हुए ‘जंगजू आगे बढ़ो, ‘क्रान्ति की तैयारी करो’, ‘आजाद राज्य कैसे बने’ जैसी पुस्तिकाएं भी लिखीं। 20 मई, 1944 को लोहिया जी को मुम्बई में गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद डाॅ. लोहिया को लाहौर किले की एक अंधेरी कोठरी में रखा गया, जहां उन्हें कठोर यातनाएं दी गईं। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त के दिन हमें देश एवं प्रदेश में सामाजिक भाईचारा कायम रखने और आर्थिक उन्नति का लाभ जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लेना चाहिए, जिससे स्वतंत्रता आन्दोलन के लिए संघर्षरत रहे नेताओं की परिकल्पना साकार हो सके। उन्होंने स्वतंत्रता आन्दोलन को संचालित करने वाले ज्ञात एवं अज्ञात शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि राज्य सरकार उनके सपनों को साकार करने के लिए पूरी गम्भीरता से कार्य कर रही है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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