भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि दंगों में संलिप्त पाये गये आरोपियों की नजदीकियां राज्य में सत्तारूढ़ दल समाजवादी पार्टी से ही क्यों पायी जाती है? भाजपा प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सहारनपुर दंगे में जिसे अखिलेश सरकार मुख्य आरोपी बता चुकी है वह समाजवादी पार्टी के सदस्य है कि नही इसका खुलासा होना चाहिए? मेरठ (खरखौदा) की घटना में पीडि़ता के बयान के परिप्रेक्षय में सरकार जांच क्यों नही कराती? आखिर महत्वपूर्ण घटनाक्रम में विडीयो क्लीपींग मंगाकर जब अन्य मामलों में सरकार कार्यवाही करने की बात करती है तो यहां तो पीडि़ता मीडिया में खुलेआम तथ्यों को उजागर कर रही है। बजाय इसके कि पीडि़ता के बयानों पर जांच हो सत्ता रूढ़ दल के नेता और सरकार भाजपा को आरोपित कर जांच की दिशा को मोड़ने में लगे है।
पार्टी के राज्य मुख्यालय पर बुधवार को पत्रकारों से चर्चा में पार्टी प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि सहारनपुर में हुई घटना को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जातीय संघर्ष बताने मंे जुटे रहे जबकि दंगो के मुख्य आरोपी की तस्वीरे मुख्यमंत्री के साथ साझा होती है। मीडि़या रिपोर्टो में दंगांे के मुख्य आरोपी को समाजवादी पार्टी का सदस्य बताया जा रहा है और जब उसने सत्तारूढ़ दल की सदस्यता ली थी उस समय भी उस पर 97 मुकदमें थे। मीडिया में आई खबरों के बाद आरोपी और सत्तारूढ़ दल के कनेक्शन का सच क्या है, समाजवादी पार्टी को स्पष्ट करना चाहिए। जाहिर है जब अपराधी और अवांक्षनीय तत्वों को सत्ता का संरक्षण मिलेगा तो घटनाएं होगी ही। घटनाओं पर राज्य सरकार नाकामयाब होने पर अपराध का ठीकरा भाजपा पर फोड़ बचने की कोशिश करती है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि आखिर सहारनपुर में हुए संघर्ष के दौरान वहां जो आर्थिक क्षति हुई है, जो सामाजिक तानाबाना बिगड़ा है उसको ठीक करने के क्या उपाय हो रहे है।
उन्होने कहा कि प्रदेशभर में कानून व्यवस्था के मोर्चे पर अखिलेश सरकार के ऊपर प्रश्न चिन्ह लग रहा है, किन्तु लगातार पश्चिम उत्तर प्रदेश में योजनापूर्वक कुछ ऐसी ताकते है जो वातावरण खराब करने पर तुली है। अपनी तुष्टीकरण नीति, लचर इच्छा शक्ति के कारण अखिलेश सरकार इन ताकतों पर प्रभावी नियंत्रण नही कर पा रही है। सरावां(खरखौदा) की सम्पूर्ण घटनाक्रम वीभत्स है अभी तक जो लोग सामने आये है उनकी सघन जांच किये जाने की आवश्यकता है। इस घटनाक्रम के विदेशी कनेक्शन जो सामने आये है उनकों दृष्टिगत रखते हुए विशेष जांच भी की जानी चाहिए। पीडि़ता का जो बयान है उसके आधार पर क्रमशः जांच किये जाने की आवश्यकता है। जहां लड़की का आपरेशन किया गया कौन डाक्टर था? आपरेशन की आवश्यकता क्यों पड़ी? किन-किन स्थानों पर लड़की को ले जाया गया? मदरसा प्राइवेट स्थान सहित अन्य स्थलों की विस्तृत सघन जांच में क्या कठिनाई है? आखिर विदेश भेजे जाने की जिस योजना का पीडि़ता जिक्र कर रही है वह अपने आप में एक गम्भीर विषय है। इस घटना से जो सवाल खड़े हुए है उनका उत्तर आना चाहिए।
श्री पाठक ने कहा कि सरावां (मेरठ) की घटना सहित अन्य घटनाओं पर भाजपा पर आरोप लगा, सपा नेता जांच की दिशा मोड़ने का काम कर रहे है। इस घटना में डीआईजी मेरठ रेंज, आई जी और जिलाधिकारी के अलग-अलग बयानों से जो भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है उसके लिए कौन जिम्मेदार है? आखिर अपने दायित्वों का ठीक से निर्वहन नही कर पा रही अखिलेश सरकार की नाकामियों के लिए भाजपा कैसे दोषी?
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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