उत्तर प्रदेश सरकार ने विकास कार्यों की प्रगति की जमीनी हकीकत जानने के लिए विकास कार्यों से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों प्रमुख सचिव/सचिव तथा मण्डलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को मौके पर पहंुचने के लिए निर्देशित किया है। शासन ने विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्यों का अनुश्रवण करें और सक्रियता के साथ निर्धारित अवधि में उन्हें पूर्ण कराना सुनिश्चित करें।
प्रदेश के मुख्य सचिव स्तर से इस आशय के निर्देश समस्त विभागाध्यक्षों को भेजे जा चुके हैं। विभागीय अधिकारियों से कहा गया है कि वे अपने विभागों के कार्यालयों में ही बैठ करके प्रगति रिपोर्ट तैयार न करें बल्कि अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा भेजी गयी रिपोर्ट के अनुसार स्थलीय भ्रमण करके प्रगति रिपोर्ट के अनुसार उसका सत्यापन करें। यदि निचले स्तर से शासन को भेजी गयी रिपोर्ट तथा सत्यापन रिपोर्ट में भिन्नता अथवा रिपोर्ट के अनुसार विकास कार्यों तथा योजनाओं की प्रगति नहीं पायी जायेगी तो दोषी अधिकारियों एवं फर्जी रिपोर्ट भेजने वालों कर्मियों को खिलाफ़ दण्डात्मक कार्रवाई की जायेंगी।
सरकार द्वारा विकास कार्यों में सक्रियता लाने के लिए मण्डलायुक्तों/जिलाधिकारियों/मुख्य विकास अधिकारियों को भी जनपदों में संचालित कार्यक्रमों की नियमित रूप से प्रगति की समीक्षा करनी अनिवार्य की गयी है। मण्डलायुक्त/जिलाधिकारी को शासन के प्रमुख सचिव तथा सचिव स्तर के अधिकारियों अथवा प्रदेश मंत्रिमण्डल के सदस्यों के क्षेत्रीय भ्रमण, विकास कार्यों/योजनाओं की समीक्षा बैठक एवं निरीक्षण के समय मौके पर उपस्थित रहने के निर्देश दिये गये हैं।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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