आज भारत की गिनती दुनिया की सबसे तेज विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में होती है। भारतीय निर्माण उद्योग का इस विकास में अहम् योगदान है। औद्योगिकीकरण, षहरीकरण, आर्थिक विकास और बेहतर जीवन स्तर की जन-जन में बढ़ती उम्मीद को पूरा करने में इस उद्योग की सक्रिय भूमिका है।
जेसीबी में ग्राहक की संतुश्टि सबसे बड़ी बात है। सबसे बड़े और सबसे समर्पित नेटवर्क के साथ जेसीबी ने देष के कोने-कोने में अपनी पहंुच-पहचान बनाई है। बीते 5 सालों में कम्पनी के आउटलेट की संख्या दोगुनी बढ़ कर 600 हो गई है। जेसीबी के कारोबार फैलने से आउटलेट की संख्या भी बढ़ेगी। देष के दूर-दराज के क्षेत्रों में आउटलेट खुलेंगे।
भारतीय बाजार को प्रतिबद्ध कम्पनी ने आज अपने उद्योग में नेतृत्व का स्थान बना लिया है। आज जबकि देष एक सुनहरे भविश्य के लिए तैयार है और विकास की नई बुलंदी सामने नजर आ रही है जेसीबी का प्रयास रहेगा कि ग्राहकों को हमेषा उनकी उम्मीद से बढ़ कर दे।
‘‘मैंने एक खान में क्लर्क की नौकरी से षुरुआत की और धीरे-धीरे जेसीबी मषीन का हेल्पर और तब आॅपरेटर बन गया। मैंने पहली सेकेंड हैंड मषीन 1996 में खरीदी और मेरी नई जेसीबी 2010 में आई। इसके बाद मैंने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। यह एक लंबी और सफल यात्रा रही है। मैं अपनी सफलता और खुषहाली के पीछे जेसीबी को देखता हूं,’’ नरपत सिंह, उदयपुर के स्वाभिमानी जेसीबी मालिक कहते हैं।
आज जेसीबी के प्रति पूरे देष में यही सोच और भावना दिखती है क्योंकि इसने न केवल कारोबार खड़ा करने में मदद दिया है बल्कि जन-जीवन को नई दिषा दी है।
1979 में भारतीय कारोबार आरंभ करने के समय से ही यह देष के लाखों लोगों का जीवन संवारने में लगी है। उन्हें बेहतर कल की उम्मीद देती रही है। देष के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में तेजी आने के साथ इक्वीपमेंट का बाजार भी फूलेगा-फलेगा। इसमें लोगों को रोजी-रोटी के असंख्य अवसर पैदा होंगे।
‘‘मुझे आज भी वो दिन याद है जब मैं ट्रक चलाया करता था और आज मेरे पास 3 जेसीबी बैकहो लोडर हैं और मुझे इन पर नाज है। जेसीबी मषीन उपयोग करने के साथ मेरे व्यवसाय में लगातार तरक्की हुई है। मेरी मषीनें आसपास के गावों में विकास के काम में लगी हैं। मेरे साहस और कड़ी मेहनत के दम पर आज मेरे परिवार के लोगों को सारी सुख-सुविधाएं हैं,’’ षुजालपुर के श्री मानसिंह जयसवाल कहते हैं।
कंस्ट्रक्षन कम्पनियों का अगला महत्वपूर्ण पड़ाव है ग्रामीण क्षेत्र जहां मौजूद संभावनाओं का पूरा लाभ नहीं किया गया है और संभावनाएं असीम हैं। दरअसल इतनी संभावनाएं हैं कि यह क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था के विकास का इंजन बन सकता है। जेसीबी में हम हमेषा नए-नए बाजारों को तलाषते हैं और जहां तक संभव हो ग्राहकों से दिल का रिष्ता जोड़ते हैं।
हाल के कुछ वर्शों में जेसीबी ने अपने नए-नए ग्रामीण उत्पादों के साथ देष के दूर-दराज के क्षेत्रों में पैठ बनाया है। इनमें एक, 2 डीएक्स नामक मषीन कम्पनी के अग्रणी उत्पाद बैकहो लोडर का छोटा रूप है। यह आविश्कारी मषीन एक वरदान है यदि आप जगह की समस्या से जूझ रहे हैं क्योंकि यह मषीन चलाना बहुत आसान है और कई कार्यों को बखूबी पूरा करती है।
‘‘मेरा परिवार सालों से ईंट बनाने के कारोबार में है। हम हमेषा मजूदरों पर निर्भर रहे हैं। हालांकि कुछ साल पहले मैंने जेसीबी 2 डीएक्स बैकहो लोडर खरीदा और उसके बाद काम की गति में बहुत तेजी आई है,’’ रायपुर के श्री राकेष कुमार गंगवानी कहते हैं। ‘‘मैं कम्पनी के आफ्टर सेल्स सर्विस से बहुत संतुश्ट हूं। स्पेयर पार्ट्स भी बहुत आसानी से मिलते हैं। जेसीबी मेरे लिए आदर्ष मषीन है।’’
जेसीबी इंडिया पर एक नजर
जेसीबी इंडिया लिमिटेड, बल्लभगढ़ (हरियाणा) दुनिया की सबसे बड़ी अर्थमूविंग और कंस्ट्रक्षन मषीन कम्पनियों में एक जेसी बामफोर्ड एक्सकेवेटर्स लि., इंगलैंड की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सीडियरी है। जेसीबी के पूरी दुनिया में 300 से अधिक माॅडल बनते हैं और 150 देषों से अधिक देषों में बिकते हैं। भारत में जेसीबी के तीन विष्वस्तरीय निर्माण संयंत्र हैं: एक बल्लभगढ़ (दिल्ली के निकट हरियाणा में); दो पुणे और एक जयपुर में बन रहा है। भारत में जेसीबी की 27 अलग-अलग मषीनें सात उत्पाद वर्गों में उपलब्ध हैं जैसे बैकहो लोडर, व्हील्ड लोडिंग षाॅवेल, ट्रैक्ड एक्सकेवेटर, वाइब्रेटरी कम्पैक्टर, टेलीहैंडलर, स्किड स्टीयर लोडर और पिक एण्ड कैरी क्रेन। कम्पनी के पास पूरे देष में 600 से अधिक आउटलेट का एक बेजोड़ नेटवर्क है। और इसके ग्राहकों को विष्वस्तरीय सेवाओं का भरोसा है।
सुरेन्द्र अग्निहोत्री
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